हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर हलचल तेज हो गई है। पार्टी की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा का खुलासा करते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा, “मैं मुख्यमंत्री बनना चाहती हूं, क्या कोई दलित मुख्यमंत्री नहीं बन सकता? दिक्कत क्या है?” यह बयान उन सवालों के बीच आया है जिनमें पूछा गया था कि पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए भूपेंद्र हुड्डा या दीपेंद्र हुड्डा में से किसे चुना जाएगा।
मैं मुख्यमंत्री बनना चाहती हूं तो इसमें कोई बुराई नहीं
सैलजा ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री का चयन पार्टी आलाकमान द्वारा किया जाएगा, और उन्होंने कहा कि अगर मैं मुख्यमंत्री बनना चाहती हूं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। सैलजा ने यह भी कहा कि हर पार्टी में आंतरिक खींचतान होती है, लेकिन चुनाव के टिकट बंटने के बाद सभी पार्टी के लिए काम करते हैं और उसे जीताने की कोशिश करते हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें 32 उम्मीदवारों के नाम शामिल थे। इस सूची में कुमारी सैलजा के 4 समर्थकों को टिकट मिला है। इन समर्थकों में कालका से प्रदीप चौधरी, नारायणगढ़ से शैली चौधरी, असंध से शमशेर सिंह गोगी और सढौरा से रेनू बाला शामिल हैं। यह कदम सैलजा के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला साबित हो रहा है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं
हरियाणा में कांग्रेस की दिग्गज नेता कुमारी सैलजा के इस बयान का मतलब है कि कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर एक बार फिर से जंग छिड़ गई है। हुड्डा परिवार के भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं, जबकि सैलजा ने दलित नेता के रूप में अपनी दावेदारी पेश की है। कांग्रेस के लिए दलित चेहरे को मुख्यमंत्री पद पर लाना एक चुनौती हो सकता है, विशेषकर जब पार्टी के भीतर जाट समुदाय के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रति विरोध की आवाजें भी उठ रही हैं।
सैलजा की बयानबाजी कांग्रेस के अंदर की सियासी खींचतान और भविष्य की संभावनाओं को दर्शाती है, जो पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।