Thursday, October 17, 2024

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: आदित्य ठाकरे के खिलाफ राज ठाकरे की सियासी चालें तेज

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा भले ही अभी न हुई हो, लेकिन सियासी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को घेरने की तैयारी शुरू हो गई है। आदित्य, जो 2019 में वर्ली सीट से विधायक बने थे, इस बार भी वहीं से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। लेकिन अब महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने वर्ली सीट से अपने करीबी नेता संदीप देशपांडे को चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान किया है।

आदित्य ठाकरे की चुनौती

राज ठाकरे ने संदीप देशपांडे को वर्ली सीट से उम्मीदवार बनाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। यह मुलाकात चुनावी रणनीति पर चर्चा के लिए थी। राज ठाकरे इस बार बेहद रणनीतिक तरीके से चुनाव की बिसात बिछाने में लगे हैं। आदित्य ठाकरे के गढ़ वर्ली में संदीप को उतारकर राज ठाकरे ने साफ संकेत दिए हैं कि वो अपने भतीजे को चुनाव में हराने की पूरी कोशिश करेंगे।

2019 के चुनाव का संदर्भ

2019 में आदित्य ठाकरे ने वर्ली सीट पर 67,427 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। इस चुनाव में वह ठाकरे परिवार के पहले सदस्य बने जिन्होंने चुनावी राजनीति में कदम रखा। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में आदित्य को वर्ली सीट पर सिर्फ 6,715 वोटों की बढ़त मिली थी, जिससे ये स्पष्ट होता है कि इस बार की चुनावी लड़ाई आसान नहीं होगी।

संदीप देशपांडे का चुनावी दांव

राज ठाकरे ने 2019 में वर्ली सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे, लेकिन इस बार उन्होंने संदीप देशपांडे के साथ एक विजन प्लान पेश किया है। इसमें वर्ली कोलीवाड़ा का विकास, बेहतर स्कूलों और स्वास्थ्य सेवाओं का वादा शामिल है। संदीप ने कहा है कि वर्ली में लोगों को ऐसा विधायक चाहिए जो आसानी से मिल सके, और मौजूदा विधायक इस मानक पर खरे नहीं उतरते।

आदित्य की राजनीतिक टेंशन बढ़ी

राज ठाकरे का यह दांव आदित्य ठाकरे के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। राज ठाकरे ने “मराठी बनाम बाहरी” का कार्ड खेलते हुए कहा कि राज्य के संसाधनों का अधिकांश हिस्सा बाहरी लोगों पर खर्च हो रहा है। इससे आदित्य ठाकरे के सामने न केवल चुनावी चुनौती होगी, बल्कि उनके वोट बैंक में भी बिखराव संभव है।

एकनाथ शिंदे की सक्रियता

एकनाथ शिंदे की शिवसेना भी वर्ली सीट पर सक्रिय है। मुख्यमंत्री ने स्थानीय कोली समुदाय के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। बीजेपी भी इस सीट पर चुनावी रणनीति बना रही है, हालांकि सीट शेयरिंग पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। आदित्य ठाकरे अपनी हाई प्रोफाइल छवि और पूर्व विधायकों सचिन अहीर और सुनील शिंदे के माध्यम से जीत का प्रयास करेंगे।

सियासी चक्रव्यूह

इस चुनावी माहौल में विपक्षी दलों ने आदित्य ठाकरे को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। इस प्रकार, वर्ली सीट पर आदित्य ठाकरे के सामने कई चुनौतियाँ होंगी, और उन्हें अपने सियासी कौशल का इस्तेमाल करना होगा। यह चुनाव न केवल आदित्य के लिए, बल्कि ठाकरे परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles