हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने देश की कई डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट में बम की झूठी कॉल के बढ़ते मामलों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी, तो नागरिक उड्डयन मंत्रालय कुछ विधायी कदम उठाने पर विचार कर रहा है। मंत्री ने इस गंभीर मुद्दे को ध्यान में रखते हुए कहा कि सरकार इन मामलों को रोकने के लिए दो महत्वपूर्ण उपायों पर काम कर रही है।
सुरक्षा नियमों में बदलाव
उन्होंने बताया कि पहला उपाय विमान सुरक्षा नियमों में संशोधन करना है। इस संशोधन के तहत, यदि कोई व्यक्ति बम की झूठी कॉल करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे तत्काल नो-फ्लाइंग लिस्ट में डाल दिया जाएगा। इससे न केवल ऐसे लोगों को सख्त सजा मिलेगी, बल्कि अन्य यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। मंत्री ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में मदद मिल सके।
दूसरा महत्वपूर्ण कदम जो मंत्री ने बताया, वह है नागरिक उड्डयन सुरक्षा के खिलाफ गैरकानूनी कृत्यों का दमन अधिनियम में संशोधन। इस संशोधन के जरिए सरकार इन झूठी धमकियों को अधिक गंभीरता से लेगी और इससे जुड़े अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी कॉल से होने वाली परेशानियां
राम मोहन नायडू ने इस स्थिति को बेहद संवेदनशील बताया और कहा कि ऐसे मामलों के चलते एयरलाइंस कंपनियों को वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कुछ महीनों में बम की झूठी धमकियों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। पिछले 6 दिन में ही भारत में डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट में बम की करीब 70 फर्जी कॉल आई हैं।
यात्रियों के लिए खतरा और नुकसान
शनिवार को ही 30 से अधिक विमानों में बम की धमकी दी गई थी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तरह की झूठी धमकियों से न केवल यात्रियों का समय बर्बाद होता है, बल्कि यह लोगों में डर और अनिश्चितता का माहौल भी बनाता है। इसके अलावा, एयरलाइंस कंपनियों का खर्च भी बढ़ता है, क्योंकि उन्हें सुरक्षा जांचों और अन्य व्यवस्थाओं पर अधिक खर्च करना पड़ता है।
इस स्थिति के कारण यात्रियों में एक डर का माहौल बन गया है, जिससे वे विमान से यात्रा करने से कतराने लगे हैं। इससे न केवल विमानन उद्योग पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि यात्रियों की यात्रा की योजना भी प्रभावित हो रही है।
सरकार की ओर से उठाए जा रहे ये कदम बम की फर्जी कॉल के मामलों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री ने स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं और जल्द ही नए कानून लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।