दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। शीर्ष अदालत ने जमानत याचिका पर विचार करने का अधिकार दिल्ली हाई कोर्ट के पास होने का स्पष्ट संकेत दिया। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने कहा कि रिट याचिका होने के कारण इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया जाएगा।
हाई कोर्ट को सुनवाई में तेजी लाने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट को शरजील इमाम की जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई करनी चाहिए। जस्टिस त्रिवेदी ने बताया कि इमाम की जमानत याचिका पर अब तक 64 बार सुनवाई हो चुकी है, लेकिन उसे खारिज करने में समय लग रहा है। इस दौरान, वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने दलील दी कि यदि हाई कोर्ट उनकी याचिका खारिज करता है, तो उन्हें कम से कम सुप्रीम कोर्ट में जाने का अवसर मिल जाएगा।
दिल्ली दंगों की पृष्ठभूमि
दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इन दंगों में 53 लोगों की जान गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह दंगे नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़के थे। शरजील इमाम पर आरोप है कि उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण दिए, जिससे यह दंगे भड़के। उन्हें देशद्रोह और अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
अदालत की गंभीरता और स्थिति
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और कहा है कि यह उच्च न्यायालय में लंबित है। जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत दाखिल याचिका पर सुनवाई की उनकी इच्छा नहीं है। अदालत ने शरजील इमाम से कहा कि जब तक हाई कोर्ट कोई आदेश नहीं देता, तब तक उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नहीं आना चाहिए।
अगली सुनवाई की तारीख
दिल्ली हाई कोर्ट में शरजील इमाम की जमानत याचिका की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि हाई कोर्ट इस मामले में तेजी लाए ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और मामले का समाधान जल्दी किया जा सके।