Saturday, October 26, 2024
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अलर्ट: शेल्कल 500 और पैन डी समेत चार दवाएं नकली, 49 की गुणवत्ता भी खराब

नई दिल्ली: केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण (CDSCO) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कई दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल 500, पैन डी और अन्य दवाओं के नमूने नकली पाए गए हैं। इसके अलावा, 49 दवाओं के नमूने मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं मिले हैं।

कौन सी दवाएं हैं प्रभावित?

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि जिन दवाओं के नमूनों को नकली बताया गया है, उनमें अल्केम हेल्थ साइंस, अरिस्टो फार्मास्यूटिकल्स, कैमिला फार्मास्यूटिकल्स, इनोवा कैप्टन, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स और इप्का लेबोरेटरीज जैसी कंपनियों के उत्पाद शामिल हैं। इन दवाओं में पेरासिटामोल, पैन डी, कैल्शियम और विटामिन डी-3 जैसी आम उपयोग वाली दवाएं भी शामिल हैं। इसके साथ ही ऑक्सीटोसिन, मेट्रोनिडाजोल और फ्लुकोनाजोल को ‘क्वालिटी में कमी’ वाली सूची में रखा गया है।

CDSCO की सख्त कार्रवाई

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) राजीव सिंह रघुवंशी ने बताया कि दवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण और जांच की जाती है। CDSCO द्वारा की गई सख्त कार्रवाई से कम प्रभाव वाली दवाओं की संख्या में कमी आई है। उन्होंने यह भी बताया कि जांच के दौरान लगभग 3000 नमूनों की परीक्षा की गई, जिनमें से 49 दवाओं को वापस लेने का निर्देश दिया गया क्योंकि वे मानकों के अनुरूप नहीं पाई गईं।

कम प्रभाव वाली दवाओं की स्थिति

रघुवंशी ने स्पष्ट किया कि कुल नमूनों में से केवल 1.5 प्रतिशत दवाएं ही कम प्रभावकारी पाई गईं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी विशिष्ट बैच की दवा गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरती, तो इसका मतलब यह नहीं है कि उस नाम से बेची जाने वाली सभी दवाएं घटिया हैं। केवल उस विशेष बैच को मानक गुणवत्ता से बाहर माना जाता है।

अगस्त की रिपोर्ट में भी मिले थे मुद्दे

CDSCO ने अपनी अगस्त की रिपोर्ट में भी 50 से अधिक दवाओं के नमूनों को ‘क्वालिटी में कमी’ वाली सूची में रखा था। इन दवाओं में पेरासिटामोल, पैन डी, कैल्शियम और विटामिन डी-3 जैसे उत्पाद शामिल थे, जो आमतौर पर हर घर में पाए जाते हैं।

दवा की सुरक्षा को प्राथमिकता

इस खुलासे ने दवा की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे केवल प्रमाणित और विश्वसनीय दवाओं का ही उपयोग करें। इसके अलावा, CDSCO ने लोगों को जागरूक करने के लिए इस विषय पर जानकारी साझा करने का निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं घटित न हों।

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