दिल्ली हाई कोर्ट ने बीजेपी विधायकों की याचिका पर दिल्ली सरकार, विधानसभा स्पीकर, Comptroller and Auditor General (CAG) और उपराज्यपाल (LG) ऑफिस को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी।
क्या है याचिका का मुद्दा?
बीजेपी विधायकों ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार के पास 12 CAG रिपोर्ट लंबित हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री आतिशी के मंत्रालय में रखा गया है। इन रिपोर्ट्स को उपराज्यपाल के बार-बार अनुरोध के बावजूद नहीं भेजा गया। याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि दिल्ली सरकार को इन रिपोर्ट्स को LG को भेजने का निर्देश दिया जाए, ताकि उन्हें विधानसभा के पटल पर पेश किया जा सके।
किसने दाखिल की याचिका?
यह याचिका दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता सहित सात अन्य विधायकों द्वारा दाखिल की गई है। अन्य विधायकों में मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल कुमार बाजपेयी और जितेंद्र महाजन शामिल हैं। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने 2017 से 2022 के बीच आबकारी, प्रदूषण और वित्त से जुड़ी 12 CAG रिपोर्ट LG को नहीं भेजी है, जो कि आवश्यक है।
सरकार पर उठ रहे सवाल
इस याचिका से साफ होता है कि बीजेपी विधायकों का आरोप है कि दिल्ली सरकार पारदर्शिता बनाए रखने में विफल रही है। रिपोर्ट्स को समय पर न भेजना सरकारी प्रक्रियाओं में कमी को दर्शाता है। इस मुद्दे पर राजनीतिक खींचतान भी बढ़ने की संभावना है, क्योंकि इसे सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने के रूप में देखा जा रहा है।
दिल्ली हाई कोर्ट का नोटिस इस बात का संकेत है कि अब मामला न्यायालय के दरवाजे तक पहुंच चुका है, और इससे आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।