हैदराबाद में बीआर नायडू ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के नए अध्यक्ष के रूप में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि तिरुमाला मंदिर में काम करने वाले सभी लोग हिंदू होने चाहिए। यह बयान तब आया है जब हाल ही में विश्व प्रसिद्ध प्रसादम (लड्डू) में जानवरों की चर्बी मिलाने के विवाद ने तिरुमाला मंदिर की पवित्रता को लेकर चर्चाएं तेज कर दी हैं।
नायडू ने स्पष्ट किया कि वह आंध्र प्रदेश सरकार से चर्चा करेंगे कि गैर-हिंदू कर्मचारियों का क्या किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरित किया जा सकता है या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) दी जा सकती है। उन्होंने कहा, “तिरुमाला में काम करने वाला हर व्यक्ति हिंदू होना चाहिए। यह मेरी प्राथमिकता है और मैं इस दिशा में काम करूंगा।”
मंदिर की पवित्रता का ध्यान रखना आवश्यक
बीआर नायडू ने टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपनी नियुक्ति को सौभाग्य मानते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और अन्य नेताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर की पवित्रता की रक्षा की जानी चाहिए और इसके लिए वह अपने कर्तव्यों को ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ निभाएंगे।
पूर्व में वाईएसआर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए नायडू ने कहा कि उस दौरान तिरुमाला में कई अनियमितताएं हुईं। उनका मानना है कि वर्तमान में इस स्थिति को सुधारने की आवश्यकता है, ताकि भक्तों की आस्था को बनाए रखा जा सके।
मीडिया जगत में भी सक्रिय
बीआर नायडू मीडिया की एक प्रमुख शख्सियत हैं और उन्होंने हिंदू भक्ति चैनल सहित तेलुगू टीवी चैनलों का संचालन किया है। यह बात ध्यान देने योग्य है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) का नया बोर्ड हाल ही में 24 सदस्यों के साथ गठित किया गया है, जिसका नेतृत्व अब नायडू करेंगे।
सरकार ने यह कदम प्रसाद विवाद के बाद उठाया है, और नायडू को बोर्ड का अध्यक्ष बनाते हुए उम्मीद जताई है कि वह तिरुमाला के प्रशासन को सशक्त बनाएंगे। इसके साथ ही, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की सह-संस्थापक और एमडी सुचित्रा एला को भी इस नए बोर्ड का हिस्सा बनाया गया है।
इस बयान से तिरुमाला मंदिर के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। क्या नायडू की योजनाएं तिरुमाला की पवित्रता को बहाल करेंगी? यह देखना दिलचस्प होगा कि टीटीडी का नया बोर्ड किस तरह से मंदिर के संचालन और इसके कर्मचारियों के मामलों में बदलाव लाता है।