दिल्ली में दिवाली के बाद से प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है। बड़े पैमाने पर हुई आतिशबाजी ने राजधानी की हवा को जहरीला बना दिया है, जिसके कारण लोग सांस लेने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि राजधानी को ‘गैस चैंबर’ कहा जाने लगा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने एक बार फिर चिंताजनक स्तर को छू लिया है, सुबह 5:30 बजे आनंद विहार में AQI 714 दर्ज किया गया।
दिवाली के दौरान आतिशबाजी के चलते दिल्ली में धुएं की एक मोटी परत छा गई है, जिससे शहर के कई हिस्सों में स्मॉग की स्थिति पैदा हो गई है। सड़क पर जगह-जगह पटाखों के अवशेष देखे जा सकते हैं, जो स्थिति को और भी गंभीर बनाते हैं। पिछले साल दिवाली पर AQI 218 था, जो इस वर्ष के मुकाबले काफी बेहतर था।
जहां कितना है AQI?
- आनंद विहार: 714
- सिरीफोर्ट: 480
- डिफेंस कॉलोनी: 631
- नोएडा: 332
- गुरुग्राम: 185
- शहादरा: 183
- नजफगढ़: 282
- पटपड़गंज: 513
पटाखों पर बैन का असर न होने की बात
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए पहले से ही पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था और इसके पालन के लिए 377 प्रवर्तन दल गठित किए गए थे। बावजूद इसके, पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली में प्रतिबंधों के उल्लंघन की कई खबरें सामने आई हैं। इसके अतिरिक्त, पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले धुएं ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।
इन जहरीली हवाओं का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए। पिछले वर्षों में दिवाली पर प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी गई है, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा उत्पन्न होता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
दिल्ली में इस वर्ष दिवाली के बाद की वायु गुणवत्ता ने लोगों को चिंतित कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे प्रदूषण स्तर में लंबे समय तक रहने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे सांस की बीमारियां और अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं।
दिल्लीवासियों को सलाह दी गई है कि वे बाहर जाने से बचें और यदि आवश्यक हो तो मास्क का उपयोग करें। दिवाली का उत्सव अब स्वास्थ्य के लिए खतरे में तब्दील हो चुका है, जिससे हर किसी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।