बिहार की राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है जब राजद (राजद नेता) के चार लाख कार्यकर्ताओं का डेटा लीक होने की खबर सामने आई। इस मामले ने पार्टी में खलबली मचा दी है। बताया जा रहा है कि यह डेटा जन सुराज पार्टी तक पहुंच गया है, जिसके कारण राजद ने इसकी जांच कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
लीक हुए डेटा की जानकारी
लीक हुए डेटा में कार्यकर्ताओं के व्यक्तिगत विवरण शामिल हैं, जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर, उम्र और अन्य जानकारियां। राजद इस बात की तहकीकात कर रही है कि आखिर यह डेटा कैसे लीक हुआ। प्रारंभिक जांच से यह संकेत मिल रहे हैं कि यह लापरवाही पार्टी कार्यालय में काम करने वाले लोगों की वजह से हुआ हो सकता है।
चुनावी चिंताएं
इस लीक से राजद की स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है, खासकर जब राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पार्टी को सूचना मिली थी कि जन सुराज पार्टी के सदस्य लगातार राजद कार्यकर्ताओं से संपर्क साध रहे हैं और उन्हें अपनी पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह स्थिति राजद के आलाकमान के लिए चिंता का विषय बन गई है।
आरजेडी प्रवक्ता का बयान
इस मामले पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पार्टी की जड़े इतनी मजबूत हैं कि इसे कोई भी हिला नहीं सकता। उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास राजद पर है और लोग तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में सरकार बनाना चाहते हैं। तिवारी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक दुकानें चला रहे हैं और इस तरह की चर्चाओं को हवा दे रहे हैं।
जन सुराज पार्टी का जवाब
जन सुराज पार्टी के प्रवक्ता अमित विक्रम ने इस डेटा लीक के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनकी पार्टी में बिहार के लाखों लोग जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का एक ही लक्ष्य है—विकसित बिहार और शिक्षित बिहार। विक्रम ने यह भी कहा कि बिहार में कई राजनीतिक दलों में परिवारवाद का बोलबाला है, लेकिन उनकी पार्टी में ऐसा कुछ नहीं है।