लखनऊ – उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी ताकत झोंकने की तैयारी कर ली है। पार्टी ने इन सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश से अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे। सीएम योगी इन 9 सीटों पर 3 दिनों में 9 जनसभाएं करने वाले हैं।
सीएम योगी का प्रचार कार्यक्रम
सीएम योगी आदित्यनाथ 8, 9 और 11 नवंबर को जनसभाएं करेंगे। उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा और चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। सीएम योगी की जनसभाओं का शेड्यूल इस प्रकार है:
- 8 नवंबर: गाजियाबाद, कुंदरकी और मीरापुर
- 9 नवंबर: सीसामऊ, करहल और खैर
- 11 नवंबर: कटेहरी, फूलपुर और मझवा
इसके साथ ही, पार्टी के मंत्रियों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मंत्रियों की प्रचार जिम्मेदारी
यूपी बीजेपी ने उपचुनाव के लिए पदाधिकारियों और मंत्रियों को सभी 9 सीटों पर प्रचार के लिए तैनात किया है। विभिन्न सीटों पर मंत्री इस प्रकार प्रचार करेंगे:
- फूलपुर: मंत्री राकेश सचान और दयाशंकर सिंह
- कटेहरी: मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, संजय निषाद और दयाशंकर मिश्र
- कुंदरकी: जेपीएस राठौर, जसवंत सैनी, गुलाब देवी
- गाजियाबाद: सुनील शर्मा, बृजेश सिंह और कपिल देव अग्रवाल
- खैर: मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी
- करहल: मंत्री जयवीर सिंह, योगेंद्र उपाध्याय और अजीत पाल
- सीसामऊ: मंत्री सुरेश खन्ना, नितिन अग्रवाल
- मंझवा: मंत्री अनिल राजभर, आशीष पटेल, रविंद्र जायसवाल, रामकेश निषाद
- मीरापुर: मंत्री अनिल कुमार, सोमेंद्र तोमर, केपी मलिक
पार्टी की रणनीति
बीजेपी की रणनीति स्पष्ट है—वे हर एक सीट पर मजबूत जनसमर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी के पदाधिकारी और मंत्री हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि जनता के बीच सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को सही तरीके से प्रस्तुत किया जा सके।
पार्टी का ध्यान इस बात पर है कि मौजूदा विधायकों और नेताओं के साथ नए चेहरों को भी आगे लाया जाए, ताकि चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन मजबूत हो सके। इसके लिए पार्टी ने स्थानीय मुद्दों को भी उठाने की योजना बनाई है, ताकि वे जनता के बीच अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकें।
यूपी में होने वाले ये उपचुनाव बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इससे उनकी राजनीतिक स्थिति और चुनावी ताकत को मजबूत करने का मौका मिलेगा। वहीं, विपक्षी दल भी अपनी पूरी ताकत लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
इस चुनाव में बीजेपी का प्रयास न सिर्फ सीटों पर जीत हासिल करना है, बल्कि अपने कार्यकाल के दौरान की योजनाओं और नीतियों की सफलता को भी दर्शाना है। इससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में यूपी में चुनावी सरगर्मियां और तेज होने वाली हैं।