उत्तर प्रदेश – जैसे-जैसे उपचुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, बीजेपी कुंदरकी विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए अपनी रणनीति को धार देने में जुट गई है। मुरादाबाद जिले की इस मुस्लिम बहुल सीट को बीजेपी रामपुर की तरह जीतने का ख्वाब देख रही है। बीजेपी के उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह पूरी तरह से मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी पहचान बनाने में लगे हैं, और उनकी प्रचार शैली इस दिशा में एक खास नजारा पेश कर रही है।
मुस्लिम वोटों का ताना-बाना
बीजेपी ने कुंदरकी सीट पर अपनी ताकत झोंकने के लिए न केवल मुस्लिम पहचान में प्रचार किया है, बल्कि अल्लाह की कसम खिला कर वोट मांगने का एक अनोखा तरीका भी अपनाया है। रामवीर सिंह सिर पर नमाजी टोपी और कंधे पर चादर ओढ़े नजर आते हैं, जिससे वह मुस्लिम समुदाय में अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
सपा और बसपा की चुनौती
कुंदरकी विधानसभा सीट पर सपा के पूर्व विधायक जियाउर्रहमान बर्क 2024 में संभल सीट से सांसद बन गए हैं, जिसके चलते यहाँ उपचुनाव हो रहे हैं। सपा ने पूर्व विधायक हाजी रिजवान को प्रत्याशी बनाया है, जबकि बसपा ने भी पूरी ताकत झोंकी है। कुंदरकी सीट पर कुल 12 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें अधिकांश मुस्लिम हैं।
बीजेपी की चुनावी रणनीति
बीजेपी के लिए कुंदरकी सीट पर जीत हासिल करना आसान नहीं है, क्योंकि यह सीट पिछले तीन दशकों से उनके हाथ से फिसलती जा रही है। ठाकुर रामवीर सिंह ने पहले भी इस सीट से चुनाव लड़ा है, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। इस बार यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया गया है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली की देखरेख में रामवीर का प्रचार किया जा रहा है, क्योंकि इस सीट पर करीब 64% मुस्लिम मतदाता हैं।
रामपुर की तरह कुंदरकी में ‘कमल’ खिलाने की उम्मीद
बीजेपी ने रामपुर में 55% मुस्लिम वोटरों के बीच जीत हासिल करने का एक मॉडल तैयार किया था, जिसे अब कुंदरकी में दोहराने की कोशिश कर रही है। रामपुर उपचुनाव में बीजेपी ने मुस्लिम वोटबैंक को हासिल किया था, और अब वो उसी रणनीति को कुंदरकी में लागू कर रही है। रामवीर सिंह मुस्लिम रंग में नजर आकर अल्पसंख्यक समुदाय से समर्थन मांग रहे हैं, जबकि बासित अली खुले तौर पर मुस्लिम मतदाताओं से अल्लाह की कसम खिलाकर वोट देने का वादा ले रहे हैं।
बीजेपी की ओर से मुस्लिमों को विश्वास दिलाने की कोशिश
बीजेपी की यह कोशिश है कि वह मुस्लिम मतदाताओं के बीच खुद को एक सहयोगी के रूप में स्थापित कर सके। बासित अली ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि रामवीर सिंह मुस्लिमों के हित में काम कर रहे हैं और उनका साथ देना सही होगा। इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे सपा के बहकावे में न आएं।
प्रचार का अनूठा तरीका
रामवीर सिंह का प्रचार इस्लामिक अंदाज में हो रहा है, जिसमें वे अजान के दौरान अपना भाषण रोक देते हैं और बाद में फिर से शुरू करते हैं। इस दौरान उन्होंने कुरान की आयतें पढ़कर भी मुस्लिमों का दिल जीतने की कोशिश की है।
सपा की प्रतिक्रियाएँ
सपा इस स्थिति को गंभीरता से ले रही है और अपने मुस्लिम नेताओं को पूरी ताकत के साथ मैदान में उतार रही है। सांसद जावेद अली खान और जावेद आब्दी जैसे नेता कुंदरकी में सक्रिय हैं और बीजेपी के प्रचार को चुनौती देने की तैयारी में हैं।
कुंदरकी में हो रहे इस चुनावी जंग में बीजेपी की कोशिश है कि वह मुस्लिम मतदाताओं को अपने पक्ष में कर सके। यह देखना दिलचस्प होगा कि रामवीर सिंह की इस अनोखी चुनावी शैली का क्या असर पड़ता है, और क्या वह 13 नवंबर को होने वाले मतदान में अपनी पार्टी के लिए जीत हासिल कर पाएंगे।