उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इस बैठक में कुल 27 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें से एक प्रमुख निर्णय शिक्षकों के ट्रांसफर से जुड़ा है। अब शिक्षक तीन साल के बाद अपने स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे, जबकि पहले यह अवधि पांच साल थी। यह बदलाव शिक्षकों के लिए राहत की बात है, क्योंकि इससे उन्हें जल्दी-जल्दी स्थानांतरित होने का अवसर मिलेगा।
इसके साथ ही, कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 में संशोधन को भी स्वीकृति दी। इससे अन्य प्रदेशों के शिक्षण संस्थान अब उत्तर प्रदेश में अपने केंद्र स्थापित कर सकेंगे, जो राज्य की उच्च शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा।
रिटायर्ड राज्य कर्मचारियों के लिए भी एक बड़ा फैसला लिया गया है। वित्त विभाग ने उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 में संशोधन की मंजूरी दी, जिसके तहत अगर कोई रिटायर्ड कर्मचारी अपने नॉमिनी को छोड़कर जाता है, तो उसके ग्रेच्युटी का पैसा सरकार में समाहित नहीं होगा। अगर कोई सक्षम न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र लाता है, तो उसे यह राशि दी जाएगी।
जलशक्ति विभाग ने भी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। मध्य गंगा नहर परियोजना के दूसरे चरण को मंजूरी दी गई, जिससे संभल, अमरोहा और मुरादाबाद के करीब 1850 गांवों को फायदा होगा। इसके अलावा, ललितपुर में भौरट बांध परियोजना और केन-बेतवा लिंक परियोजना के प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिली है, जो बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए राहत प्रदान करेगी।
पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए नए डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जाएंगे। साथ ही, बागपत में एक अंतरराष्ट्रीय योग और आरोग्य केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव भी मंजूर हुआ है, जिससे स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।