भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पर तंज कसते हुए एक गंभीर आरोप लगाया है। BJP का कहना है कि प्रियंका गांधी गाजा पर तो लगातार ट्वीट करती हैं, लेकिन कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले पर उनकी चुप्पी मानी नहीं जा सकती। यह हमला कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में स्थित एक हिंदू सभा मंदिर पर हुआ था, जिसे खालिस्तानी आतंकियों द्वारा अंजाम दिया गया था। इस हमले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, और BJP का आरोप है कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस इस मामले पर खामोश हैं।
BJP का आरोप: गाजा पर तो ट्वीट, लेकिन हिंदू मंदिर पर चुप्पी
BJP प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस और प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “यह देखकर दुख होता है कि प्रियंका गांधी जैसे नेताओं ने गाजा में हो रही हिंसा पर तो 10 ट्वीट किए, लेकिन कनाडा या बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर होने वाले हमलों पर उनकी चुप्पी क्यों रहती है। क्या यह दिखाता है कि कांग्रेस और विपक्षी दलों को हिंदुओं की चिंता नहीं है?” भंडारी ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों का यह रवैया हिंदू समुदाय के प्रति उनके वास्तविक रुख को उजागर करता है।
भंडारी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा देश और उसके नागरिकों के साथ खड़े रहते हैं, चाहे वो भारत में हो या विदेशों में। उन्होंने यह उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में हुए हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और हिंदुओं के खिलाफ इस हिंसा की निंदा की।
पीएम मोदी का रुख: हिंदू मंदिर पर हमले की निंदा
कनाडा के ब्रैम्पटन में हुए हिंदू मंदिर पर हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। प्रधानमंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर किए गए जानबूझकर हमले की कड़ी निंदा करता हूं। इसके साथ ही हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कोशिश भी बेहद निंदनीय है। हिंसा के ऐसे कृत्य भारत के संकल्प को कभी भी कमजोर नहीं कर सकते।”
उन्होंने कनाडा सरकार से इस मामले में न्याय की उम्मीद जताई और कहा कि इस प्रकार की हिंसा के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाना चाहिए। पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर भारत के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाएं भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को चुनौती नहीं बन सकतीं।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे अस्वीकार्य बताया था। वहीं, घटना के बाद कुछ वीडियो सामने आए थे, जिनमें आरोप था कि कनाडाई पुलिस ने हिंदू समुदाय के प्रदर्शनकारियों के साथ मारपीट की थी, जिससे विवाद और बढ़ गया।
कनाडा-भारत संबंधों में तनाव और राजनीतिक दबाव
कनाडा में हुए इस हमले ने पहले से ही तनावपूर्ण चल रहे भारत और कनाडा के रिश्तों को और प्रभावित किया है। खालिस्तानी आतंकियों के प्रति कनाडा की नीतियों को लेकर भारत और कनाडा के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। इस हमले के बाद भारतीय राजनीतिक दलों से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मुद्दे पर एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं और कनाडा सरकार से कार्रवाई की मांग करें।
BJP का आरोप कांग्रेस पर इस बात को लेकर दबाव बना सकता है कि वह इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करे और हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करे। कांग्रेस को अब यह दिखाना होगा कि वह न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी हिंदू समुदाय के अधिकारों और सुरक्षा के लिए खड़ी है।
कांग्रेस का रुख और प्रियंका गांधी की चुप्पी
प्रियंका गांधी वाड्रा, जो अक्सर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करती हैं, इस बार गाजा जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर तो सक्रिय रही हैं, लेकिन कनाडा में हुए हिंदू मंदिर पर हमले पर उनके चुप रहने को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस पार्टी पर यह दबाव बढ़ रहा है कि वह इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे, क्योंकि यह मुद्दा ना सिर्फ भारत की छवि से जुड़ा है, बल्कि विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों की भी बात करता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस और प्रियंका गांधी वाड्रा इस आरोप का क्या जवाब देती हैं और क्या वे इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ती हैं। भाजपा ने जो आरोप लगाया है, वह कांग्रेस के लिए एक राजनीतिक चुनौती हो सकता है, क्योंकि इस समय देश और विदेश में भारतीय समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।