कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को तेलंगाना में जाति जनगणना (Caste Survey) शुरू करने की घोषणा की। पार्टी का कहना है कि यह जनगणना तेलंगाना के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी, जो राज्य में सामाजिक और आर्थिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए एक क्रांतिकारी मौका है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर यह जानकारी दी और बताया कि तेलंगाना में यह सर्वेक्षण 6 नवंबर से शुरू होगा।
1.17 करोड़ घरों को कवर करेगा जाति सर्वेक्षण
कांग्रेस के मुताबिक, इस जाति जनगणना में लगभग 80,000 गणनाकर्ता घर-घर जाकर सर्वे करेंगे। इस प्रक्रिया के तहत राज्य के 33 जिलों में 1.17 करोड़ से ज्यादा घरों को कवर किया जाएगा। जयराम रमेश ने बताया कि यह जाति जनगणना 1931 के बाद पहली बार तेलंगाना में की जा रही है, जो एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम है। उनका कहना है कि यह राज्य के तेलंगाना आंदोलन की आकांक्षाओं को पूरा करने और संविधान के तहत सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए अहम होगा।
कांग्रेस का संकल्प: संविधान के आदर्शों को मजबूत करना
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी भारतीय संविधान में निहित सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनके अनुसार, यह सर्वे राज्य में जातिवाद को लेकर सही आंकड़े जुटाने और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लागू करने के लिए आवश्यक है।
राहुल गांधी का समर्थन
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस जाति सर्वेक्षण का समर्थन किया है। राहुल गांधी ने 5 नवंबर को तेलंगाना में आयोजित एक बैठक में भाग लिया और कहा कि वे राज्य में जाति सर्वे को पूरी तरह से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस बैठक के बाद, कांग्रेस ने राज्य में जाति जनगणना की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
तेलंगाना सरकार का संकल्प
तेलंगाना सरकार के मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने पहले कहा था कि राज्य में जाति जनगणना 6 नवंबर से 30 नवंबर तक की जाएगी। उन्होंने कहा, “हमने चुनाव में जो वादा किया था, अब उसे पूरा कर रहे हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शिता से की जाएगी, ताकि प्रत्येक वर्ग का सही आंकड़ा मिल सके।”
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा सवाल
इस बीच, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जाति जनगणना और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की 50 प्रतिशत की सीमा को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि भाजपा का इस मसले पर क्या रुख है और वे इसे आगे बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी 4 नवंबर को महाराष्ट्र में रैली कर रहे थे, और इस मौके पर कांग्रेस ने यह सवाल उठाए।
जाति जनगणना की अहमियत
कांग्रेस का कहना है कि जाति जनगणना भारत में सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को दूर करने में मदद करेगी और सरकार को प्रभावी नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। इससे राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को यह समझने में मदद मिलेगी कि किन वर्गों को और किस प्रकार की सरकारी सहायता की जरूरत है। कांग्रेस यह भी मानती है कि जाति आधारित जनगणना से आरक्षण प्रणाली में सुधार हो सकता है, ताकि जरूरतमंद और हाशिए पर रहने वाले वर्गों को उचित अवसर मिल सके।
तेलंगाना में कांग्रेस द्वारा जाति सर्वेक्षण का आरंभ एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य राज्य के भीतर जातिवाद की वास्तविक स्थिति को समझना और समाज में समानता और न्याय की दिशा में काम करना है। कांग्रेस इसे संविधान के आदर्शों को स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण कदम मानती है और इसके माध्यम से भारत में सामाजिक न्याय के लिए अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराती है।