कर्नाटक में 13 नवंबर को तीन सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए चुनावी हलचल तेज हो गई है। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीम पीर खादरी ने एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर इस्लाम धर्म में शामिल होने की योजना बना रहे थे। खादरी का यह बयान कर्नाटक के शिगगांव में एक सम्मेलन के दौरान आया, और यह बयान राजनीतिक चर्चाओं का विषय बन गया है।
कांग्रेस नेता का बयान: आंबेडकर और इस्लाम का संबंध
कांग्रेस नेता अजीम पीर खादरी ने अपने बयान में कहा, “मैंने पढ़ा था कि बाबा साहेब आंबेडकर अपने आखिरी दिनों में बौद्ध धर्म में शामिल हुए थे, लेकिन अगर वह बौद्ध धर्म न अपनाते तो वह इस्लाम धर्म को अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार थे।” खादरी ने यह भी कहा कि अगर डॉ. आंबेडकर इस्लाम धर्म अपनाते, तो उनका नाम एल हनुमंथैया हसन साब होता। उनका यह बयान विशेष रूप से मुस्लिम और दलित समुदायों के बीच के संबंधों पर भी था।
खादरी ने इस दौरान यह भी जोड़ा कि “आज भी मुस्लिम और दलितों के बीच एक गहरा रिश्ता है। आप कहीं भी दलितों को देखेंगे, वहां अक्सर मुस्लिम दरगाहें भी होंगी।” उनका कहना था कि दोनों समुदायों के बीच एक प्राकृतिक जुड़ाव है और आंबेडकर भी इस संबंध को समझते थे।
कर्नाटक के उपचुनाव पर असर
कर्नाटक में तीन सीटों—संदूर, शिगगांव, और चन्नापटना—पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। कांग्रेस नेता के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया है, क्योंकि पार्टी अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए विभिन्न समुदायों के बीच रिश्तों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
अजीम पीर खादरी ने शिगगांव सीट से निर्दलीय नामांकन दाखिल किया था, लेकिन कांग्रेस ने बाद में उन्हें पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए कहा। अब पार्टी की ओर से यासिर अहमद खान पठान शिगगांव सीट से चुनावी मैदान में हैं। वहीं, बीजेपी ने इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भरत बोम्मई को उम्मीदवार बनाया है। इन सीटों पर 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे।
कांग्रेस नेता की राजनीतिक पृष्ठभूमि
सैय्यद अजीम पीर खादरी, जो पहले जनता दल पार्टी से कर्नाटक के विधायक रहे हैं, ने 1999 से 2004 तक विधायक के रूप में कार्य किया था। इसके बाद उन्होंने 2008, 2013 और 2019 में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हर बार हार का सामना किया। फिलहाल वह कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं और शिगगांव सीट पर चुनावी ताल ठोक रहे हैं।
चुनावी मुद्दे और बयान की राजनीति
अजीम पीर खादरी का यह बयान चुनावी माहौल में नए आयाम जोड़ने वाला है। चुनावी रणनीतियों के तहत हर दल अपनी-अपनी पहचान और वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस का यह बयान विशेष रूप से दलित और मुस्लिम समुदायों को साथ लाने के लिए एक कदम हो सकता है। हालांकि, इस बयान के बाद दोनों समुदायों के रिश्तों पर सवाल भी उठने लगे हैं, और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने इसे एक विवादास्पद बयान करार दिया है।