अमित शाह ने दिल्ली में बिरसा मुंडा की 3,000 किलोग्राम वजनी प्रतिमा का किया अनावरण

भगवान बिरसा मुंडा का योगदान याद करते हुए बोले अकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली के बांसेरा पार्क में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण किया। यह प्रतिमा विशेष रूप से आदिवासी गौरव दिवस के मौके पर स्थापित की गई है, जो हर साल 15 नवंबर को मनाया जाता है। इस अवसर पर अमित शाह ने बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें देश की आजादी की लड़ाई के महानतम नायकों में से एक बताया।मित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी छोटी सी उम्र में ही आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए अपार बलिदान दिया। उन्होंने आदिवासी समाज के लिए जल, जंगल, और जमीन की अहमियत को समझाया और आदिवासियों में इन मुद्दों पर जागरूकता पैदा की। शाह ने कहा, “आदिवासी समाज हमेशा भगवान बिरसा मुंडा का आभारी रहेगा, जिन्होंने अपने संघर्ष और योगदान से आदिवासियों का गौरव बढ़ाया।”
3,000 किलोग्राम वजनी प्रतिमा का निर्माण
इस मौके पर अमित शाह ने बिरसा मुंडा की 3,000 किलोग्राम वजनी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। यह प्रतिमा पश्चिम बंगाल के दो शिल्पकारों ने बनाई है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी सराय काले खां ISBT चौराहे का नाम बदलकर भगवान बिरसा मुंडा चौक करने की घोषणा की। यह कदम बिरसा मुंडा की धरोहर को और सम्मान देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
आदिवासी समुदाय के विकास में मोदी सरकार के प्रयास
अमित शाह ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार आदिवासी क्षेत्रों के विकास और उनके उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिरसा मुंडा से प्रेरणा लेकर कई योजनाएं बनाई हैं, जो आदिवासी समुदाय के सामाजिक और आर्थिक स्तर को ऊपर उठाने में मदद कर रही हैं। गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगले साल तक आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जिससे आदिवासी समुदाय के इतिहास और संस्कृति को सम्मान मिलेगा।
बिरसा मुंडा के जीवन के दो महत्वपूर्ण पहलू
अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन को दो प्रमुख चरणों में बांटा। पहले चरण में उन्होंने आदिवासी संस्कृति की रक्षा और उसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई, और दूसरे चरण में उन्होंने मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने कहा, “बिरसा मुंडा ने महज 25 साल की उम्र में ही अपने संघर्ष से ऐसी दास्तान लिखी, जो आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने आदिवासियों के हक के लिए आवाज उठाई और उनकी स्थिति को पूरी दुनिया के सामने लाया।”
बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर विशेष आयोजन
आज भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती है और इस अवसर पर आदिवासी गौरव दिवस के रूप में आयोजन किए गए हैं। केंद्र सरकार ने 2021 में इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था। इस दिन को खास बनाने के लिए देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें बिरसा मुंडा के योगदान को याद किया जा रहा है और उनके कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया जा रहा है।

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