उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में आज वोटिंग का दौर जारी है, लेकिन मतदान शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि विभिन्न सीटों पर वोटरों को मतदान से रोका जा रहा है। सपा ने आरोप लगाया कि कुंदरकी, मीरापुर, सीसामऊ जैसी सीटों पर सत्ताधारी बीजेपी द्वारा सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है और पुलिस की मदद से वोटरों को वोट डालने से रोका जा रहा है। इसके साथ ही, सपा ने चुनाव आयोग को भी चेतावनी दी है कि यदि इस तरह की गतिविधियां जारी रहती हैं तो पार्टी जन आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।
सपा का आरोप: बीजेपी और चुनाव आयोग पर निशाना
सपा ने अपने ट्वीट में लिखा, “कुंदरकी, मीरापुर, सीसामऊ समेत तमाम उपचुनाव वाली सीटों पर भाजपा सत्ता जुल्म कर रही है। पुलिस के माध्यम से वोटरों को वोट डालने से रोका जा रहा है। वोटर घबराए बिना घरों से निकलकर वोट डालें और बीजेपी को हराएं। चुनाव आयोग के काले कुकर्म उजागर हो चुके हैं, अब चुनाव आयोग को जन आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।”
इसके अलावा, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी एक ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से तत्काल कार्रवाई की अपील की। उन्होंने कहा, “वोटर कार्ड और आधार आईडी चेक करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिस को इन दस्तावेजों की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है।”
गाजियाबाद में सबसे अधिक उम्मीदवार
उपचुनाव के तहत कुल 9 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है, जिनमें गाजियाबाद में सबसे अधिक 14 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। राज्यभर में कुल 90 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं और मतदाताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। गाजियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, और मीरापुर जैसी सीटों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। इस उपचुनाव में करीब 34 लाख से ज्यादा वोटर हैं, जिनमें पुरुष, महिलाएं और थर्ड जेंडर के वोटर शामिल हैं।
सीएम योगी और अखिलेश की प्रतिष्ठा दांव पर
यूपी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक हलकों में खासा उत्साह है क्योंकि इसे 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए सेमीफाइनल माना जा रहा है। इन उपचुनावों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की साख दांव पर लगी हुई है। दोनों नेताओं के लिए यह चुनाव अपनी ताकत और रणनीतिक क्षमता को साबित करने का एक बड़ा अवसर है। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी जैसी सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं बीजेपी ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर जैसी सीटों पर कब्जा किया था।