ओडिशा सरकार और अडानी समूह पर रिश्वतखोरी के आरोप बेबुनियाद, बीजू जनता दल ने दी सफाई

ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल (BJD) ने अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों को सिरे से नकार दिया है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा अडानी समूह से रिश्वत लेने के आरोप पूरी तरह से झूठे और निराधार हैं। बीजू जनता दल ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि पार्टी या राज्य सरकार का इस मामले से कोई संबंध नहीं है।
ओडिशा में साल 2000 से लेकर जून 2024 तक बीजेडी की सरकार रही है, और पार्टी का कहना है कि इस समय के दौरान किसी भी सरकारी अधिकारी ने किसी भी प्रकार की रिश्वत नहीं ली। पार्टी के मुताबिक, ये आरोप बिना किसी साक्ष्य के लगाए गए हैं और पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
आरोपों के पीछे कौन है?
अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड (SEC) ने अडानी समूह पर भारत में पावर सौदों में रिश्वत देने का आरोप लगाया है। आरोपों के मुताबिक, अडानी समूह ने भारत के कुछ राज्यों के अधिकारियों को रिश्वत दी थी, जिसमें ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ का नाम सामने आया है।
बीजेडी का स्पष्टीकरण
ओडिशा के पूर्व ऊर्जा मंत्री और बीजेडी विधायक प्रताप केसरी देव ने पार्टी की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी की। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) हुए थे, वे केंद्रीय सरकार के तहत SECI और राज्य सरकार की पीएसयू (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) ग्रिडको और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के बीच थे, जिनमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं थी।
इसके अलावा, बीजेडी ने कहा कि SECI के माध्यम से हुआ यह पावर परचेज एग्रीमेंट सिर्फ सरकारी एंटिटी के बीच था। इसमें अडानी समूह या किसी निजी कंपनी की कोई भूमिका नहीं थी। 500 मेगावॉट की रीन्यूएबल एनर्जी खरीदने का एग्रीमेंट SECI द्वारा तय किए गए कम रेट्स की वजह से हुआ था।
अडानी समूह पर आरोप
अमेरिकी न्याय विभाग ने अडानी समूह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अधिकारियों को महंगी सोलर एनर्जी खरीदने के लिए 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी। हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है। अडानी समूह का कहना है कि ये आरोप बिना किसी ठोस आधार के लगाए गए हैं और वे सभी कानूनों का पालन करते हैं।
क्या कहता है अडानी समूह?
अडानी समूह ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वे पूरी तरह से कानून के तहत काम करते हैं और उनके द्वारा किए गए सारे सौदे पारदर्शिता के आधार पर हैं। अडानी समूह का कहना है कि अमेरिकी अभियोजकों के आरोप असत्य हैं और उन पर लगाए गए आरोपों को वे चुनौती देंगे।
बीजू जनता दल ने ओडिशा के अधिकारियों और अडानी समूह के बीच रिश्वत के लेन-देन के आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है। उनका कहना है कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है और यह सिर्फ राजनीति से प्रेरित आरोप हैं। वहीं, अडानी समूह ने भी आरोपों को सिरे से नकारा है और कहा है कि वे सभी कानूनों का पालन करते हैं। अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।

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