नई दिल्ली: यूपी उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी अब देश में कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी, क्योंकि ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के जरिए फर्जी वोट डाले जा रहे हैं। मायावती ने चुनाव आयोग से मांग की है कि जब तक उपचुनावों में फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक बसपा उपचुनावों में हिस्सा नहीं लेगी।
बसपा का उपचुनावों से परहेज
मायावती ने अपनी पार्टी के इस फैसले को लेकर कहा कि अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ा जाएगा। उनका कहना था कि चुनावी प्रक्रिया पर उनका विश्वास तब तक बहाल नहीं हो सकता, जब तक चुनाव आयोग ईवीएम से फर्जी वोटिंग पर अंकुश नहीं लगाता। मायावती ने आरोप लगाया कि पहले बैलट पेपर के जरिए चुनावों में गड़बड़ी की जाती थी, लेकिन अब ईवीएम के जरिए भी फर्जी वोट डाले जा रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरे की घंटी है।
“लोकतंत्र के लिए खतरनाक”
मायावती ने इस मुद्दे को लेकर गहरी चिंता जाहिर की और कहा कि यह सिर्फ उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में नहीं, बल्कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भी देखा गया है। उन्होंने कहा कि फर्जी वोटिंग से लोकतंत्र की असली भावना को नुकसान पहुंच रहा है। बसपा प्रमुख ने कहा कि चुनाव आयोग को जल्द इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि ईवीएम में गड़बड़ी से चुनाव प्रक्रिया प्रभावित न हो। उनका मानना था कि जब तक चुनाव आयोग इस समस्या का समाधान नहीं करता, तब तक बसपा किसी भी उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।
यूपी उपचुनाव में बसपा की शर्मनाक हार
हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश उपचुनाव में बसपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। पार्टी ने सभी 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। इसके अलावा, कई सीटों पर बसपा के उम्मीदवारों को तो 1000 से भी कम वोट मिले, जिससे पार्टी की स्थिति पूरी तरह से कमजोर हो गई। यदि इन नौ सीटों पर मिले कुल वोटों की बात की जाए, तो बसपा को केवल 1,32,929 वोट ही मिले, जो एक बेहद निराशाजनक प्रदर्शन था। मायावती ने इस हार को चुनावी धोखाधड़ी का नतीजा बताया और चुनावी प्रक्रिया की ईमानदारी पर सवाल उठाए।
मायावती की रणनीति और आगामी चुनावों की चिंता
बसपा की इस हार के बाद मायावती ने आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि जब तक चुनावों में पारदर्शिता नहीं आती, तब तक उनकी पार्टी किसी भी चुनावी प्रक्रिया में भाग नहीं लेगी। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग को इस दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए ताकि लोकतंत्र को बचाया जा सके।
चुनाव आयोग से कड़े कदम की मांग
मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव आयोग से यह उम्मीद करती है कि वह ईवीएम से फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगी। उनका कहना था कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए यह कदम बहुत जरूरी है। यदि ऐसा नहीं होता है, तो इस प्रकार की चुनावी गड़बड़ियां लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए बहुत बड़े खतरे की वजह बन सकती हैं।
बसपा का भविष्य
मायावती के इस ऐलान के बाद यह सवाल उठता है कि क्या यह पार्टी के भविष्य के लिए सही फैसला साबित होगा। बसपा के समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच इस फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। हालांकि, मायावती का कहना है कि उनका यह कदम पार्टी के सिद्धांतों के तहत लिया गया है और भविष्य में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर होगा, जब चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी होगी।