महाराष्ट्र में हालिया विधानसभा चुनाव के बाद राजनीति के नए समीकरण सामने आ रहे हैं। एकनाथ शिंदे, जो अब तक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर अपने दावा प्रस्तुत कर रहे थे, अब बीजेपी के साथ अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए पीछे हट गए हैं। ठाणे में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिंदे ने कहा कि उनका प्राथमिक उद्देश्य राज्य के विकास को आगे बढ़ाना है और बीजेपी द्वारा मुख्यमंत्री के चयन का फैसला वे पूरी तरह से स्वीकार करेंगे।
शिंदे ने अपने बयान में यह भी कहा कि महाराष्ट्र के लिए उन्होंने काफी काम किया है, खासकर महिलाओं के लिए शुरू की गई ‘लाडकी बहिन योजना’ के माध्यम से। इसके अलावा, उन्होंने राज्य के विकास को लेकर भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। शिंदे ने यह स्वीकार किया कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी, तो राज्य विकास के मामले में तीसरे नंबर पर था, लेकिन उन्होंने इसे पहले नंबर पर पहुंचाया। अब वे मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी के फैसले को मानने के लिए तैयार हैं और यह भी कहा कि वे “स्पीड ब्रेकर” बनने नहीं आए हैं।
बीजेपी का सीएम चयन – सस्पेंस बरकरार
बीजेपी और उनके सहयोगी दलों के पास बहुमत तो है, लेकिन सीएम के नाम पर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 145 सीटों का आंकड़ा चाहिए। बीजेपी गठबंधन ने 230 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है, जिसमें बीजेपी के पास 132 सीटें हैं। इसके साथ ही एनसीपी और निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन बीजेपी को मिल रहा है, जो पार्टी के बहुमत के आंकड़े को और मजबूती देते हैं।
इसमें एक अहम बात यह भी है कि बीजेपी अपनी रणनीति पर विचार कर रही है और मुख्यमंत्री के नाम का चयन अभी बाकी है। बीजेपी में अंदरूनी बैठकें चल रही हैं, जिसमें विधायकों की राय ली जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली में एक बैठक बुलाने का फैसला लिया है, जिसमें शिंदे, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
शिंदे का दबाव – मुंबई नगर निगम चुनाव भी अहम
एकनाथ शिंदे ने जो कदम उठाया है, वह केवल मुख्यमंत्री पद के लिए नहीं बल्कि आगामी चुनावों की रणनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है। कहा जा रहा है कि मुंबई नगर निगम चुनाव में शिवसेना के गढ़ को लेकर शिंदे अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं। अगर वे सत्ता में नहीं रहते, तो यह उनकी राजनीतिक ताकत को कमजोर कर सकता है। इस कारण से, शिंदे के लिए बीजेपी से समझौता करना आवश्यक हो गया था।
बीजेपी की रणनीति – चौंकाने वाला फैसला हो सकता है
बीजेपी के लिए महाराष्ट्र में नया मुख्यमंत्री चुनना एक बड़ी चुनौती है। पिछले कुछ समय में बीजेपी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, ओडिशा और हरियाणा में नई सरकार बनाई है, लेकिन हर राज्य में मुख्यमंत्री के चयन में बीजेपी ने चौंकाने वाले फैसले किए हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में भी बीजेपी कुछ ऐसा ही फैसला कर सकती है, जिसे राजनीतिक हलकों में बड़े ध्यान से देखा जाएगा।
अंत में – महाराष्ट्र की सियासत में नया मोड़
इस समय महाराष्ट्र की राजनीति में गहमा-गहमी मची हुई है। एक तरफ एकनाथ शिंदे का बयान है, जिसमें उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी बीजेपी को सौंपने को तैयार हैं, तो दूसरी तरफ बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए अभी कोई नाम सामने नहीं आया है। इन सभी घटनाक्रमों के बीच सवाल यही उठता है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? बीजेपी के भीतर और गठबंधन में हो रही बैठकों के बाद ही इस पर स्पष्ट निर्णय आएगा।