28 नवंबर को हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और इसके बाद उन्होंने अपनी सरकार के लिए कुछ बड़े फैसले किए। इन फैसलों में सबसे अहम था मंईयां सम्मान योजना के तहत मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी का ऐलान। यह निर्णय झारखंडवासियों के लिए खास है, क्योंकि राज्य सरकार के इस फैसले का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। आइए जानते हैं इस फैसले के बारे में और हेमंत सोरेन ने शपथ ग्रहण के बाद और क्या बड़े कदम उठाए हैं।
मंईयां सम्मान योजना को लेकर बड़ा ऐलान
हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले मंईयां सम्मान योजना की राशि बढ़ाने का ऐलान किया। अब इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये मिलेंगे, जबकि पहले यह राशि केवल 1000 रुपये थी। यह बदलाव राज्य की महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है।
सभी को याद है कि चुनावों के दौरान इस योजना का काफी प्रचार-प्रसार हुआ था और इसे झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के लिए एक अहम चुनावी हथियार माना जा रहा था। चुनावी प्रचार के दौरान यह वादा किया गया था कि अगर JMM सत्ता में आई तो इस योजना की राशि बढ़ाई जाएगी, और अब शपथ ग्रहण के बाद हेमंत सोरेन ने इस वादे को पूरा कर दिया।
राज्य के सबसे बड़े जनकल्याण कार्यक्रमों में से एक मंईयां सम्मान योजना, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है, ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाई थी। यह योजना सीधे तौर पर महिलाओं को फायदा पहुंचाती है और इसकी राशि बढ़ाने से उनके जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
1 जनवरी 2025 तक परीक्षा कैलेंडर जारी करने की घोषणा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एक और अहम कदम उठाया। उन्होंने घोषणा की कि सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC), झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) और अन्य प्राधिकृत संस्थाओं द्वारा 1 जनवरी 2025 से पहले परीक्षा कैलेंडर जारी किया जाएगा। इससे यह साफ है कि राज्य सरकार ने रोजगार के मुद्दे को गंभीरता से लिया है और राज्य के युवाओं के लिए जल्द से जल्द अवसर उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है।
इसके अलावा, सीएम ने पुलिस नियुक्तियों की प्रक्रिया की समीक्षा करने की बात भी की। राज्य में पुलिस बल की कमी के चलते राज्य सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए जल्द ही कार्रवाई करने की योजना बना रही है।
केन्द्र सरकार पर बकाया राशि की वसूली का आदेश
हेमंत सोरेन ने अपने पहले दिन राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए। उन्होंने केंद्र सरकार पर झारखंड के 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये के बकाए की वसूली के लिए विधिक कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है। यह राशि झारखंड को विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार से मिलनी थी, लेकिन अब तक उसे नहीं दिया गया। सोरेन सरकार इस राशि को जल्द से जल्द वसूलने के लिए कानूनी रास्ता अपनाएगी।
आदिवासी-मूलवासी मुद्दा और सरकार का रुख
हेमंत सोरेन ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि उनकी सरकार आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकारों के लिए हमेशा खड़ी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि असम में झारखंड के जो आदिवासी और मूलवासी वर्षों से रह रहे हैं, उनकी स्थिति की जांच के लिए एक सर्वदलीय टीम बनाई जाएगी, जो इस मुद्दे पर सटीक जानकारी जुटाएगी और उसके आधार पर उचित कदम उठाएगी।
शपथ ग्रहण और समारोह में राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति
हेमंत सोरेन ने झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस मौके पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां शामिल हुईं। इनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, RJD नेता तेजस्वी यादव, और सपा प्रमुख अखिलेश यादव प्रमुख थे। इन नेताओं की मौजूदगी ने समारोह को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत सोरेन का दृष्टिकोण
हेमंत सोरेन ने शपथ ग्रहण के बाद प्रोजेक्ट भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की और कई अहम दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य के राजस्व में वृद्धि के लिए उनकी सरकार नए स्रोतों पर काम करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है और इसके लिए सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
हेमंत सोरेन का कहना था, “आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि हमारी सरकार ने जनहित के लिए कई बड़े फैसले किए हैं। यह सरकार गरीब, आदिवासी और महिलाओं के हित में काम करेगी।”