यूपी में महाकुंभ मेला बना नया जिला, 67 गांवों का होगा विकास, मिलेगी बेहतर सुविधाएं

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 के आयोजन को लेकर एक अहम प्रशासनिक कदम उठाया गया है। यूपी सरकार ने महाकुंभ मेला क्षेत्र को एक नया जिला घोषित कर दिया है। प्रयागराज के जिलाधिकारी (डीएम) ने इस बाबत आधिकारिक अधिसूचना जारी की है और नए जिले का वाहन कोड भी निर्धारित कर दिया गया है। इस नए जिले में प्रयागराज के संपूर्ण परेड क्षेत्र और संगम के आसपास की चार तहसीलों के कुल 67 राजस्व गांव शामिल होंगे।

महाकुंभ मेला जिला: प्रशासनिक बदलाव का बड़ा असर

महाकुंभ मेला को एक नया जिला बनाए जाने से पहले, 2019 में कुंभ मेले के दौरान भी 30 गांवों को जोड़कर एक नया जिला बनाय गया था। इस तरह महाकुंभ 2025 के आयोजन के साथ 37 और गांवों को जोड़ने के बाद अब प्रयागराज मंडल में पांच जिले हो गए हैं। पहले प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशाम्बी और फतेहपुर जिले थे, और अब महाकुंभ मेला जिला भी इसमें शामिल हो गया है।
यह कदम महाकुंभ मेला के आयोजन के महत्व को बढ़ाने के साथ-साथ प्रशासनिक रूप से भी इस क्षेत्र के विकास को गति देगा। नए जिले के बनने से इन गांवों के विकास के लिए सरकार से अधिक बजट मिलेगा, और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।

67 गांवों को होगा फायदा: क्या बदलेगा इनकी किस्मत?

इस नए जिले में शामिल किए गए 67 गांवों को कई तरह के फायदे होने वाले हैं। इन गांवों का विकास महाकुंभ के बजट से होगा, जो इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को सुधारने में मदद करेगा। जिन गांवों को इस जिले में शामिल किया गया है, उन्हें बेहतर सड़क, पानी, बिजली, परिवहन सुविधाएं और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचा मिलेगा। इसका उद्देश्य यह है कि इन गांवों का जीवनस्तर सुधरे और यहां के लोग बेहतर सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
नए जिले में एक अतिरिक्त कलेक्टर को नियुक्त किया जाएगा, जो समस्त श्रेणी के कलेक्टर के अधिकार प्राप्त करेगा। इससे प्रशासनिक कामकाजी माहौल में भी सुधार होगा और गांवों के विकास में तेजी आएगी। इसके अलावा, महाकुंभ मेला आयोजन के दौरान इन गांवों को बड़े पैमाने पर शहरी सुविधाएं मिलेंगी, जैसे सड़क निर्माण, बेहतर जल आपूर्ति, सार्वजनिक परिवहन की उपलब्धता और बिजली की सुलभता।

महाकुंभ मेला जिले में शामिल होने वाले 67 गांव

महाकुंभ मेला जिले में 67 राजस्व गांव शामिल किए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख गांव हैं:
  • इब्राहिमपुर कछार
  • एखलासपुर
  • रसूलपुर उपरहार
  • फतेहपुर
  • चक जमाल
  • सोनौटी
  • झूसी कोहना
  • उस्तापुर महमूदाबाद
  • छतनाग कछार
  • कुरेशीपुर उपरहार
  • कीडगंज कछार
  • बस्की कछार
  • सादियाबाद उपरहार
  • चांदपुर सलोरी कछार
  • गोविंदपुर उपरहार
  • पट्टी चिल्ला कछार
  • आराजी बारूदखाना उपरहार
  • मवैया कछार
  • देवरख उपरहार
  • अरैल कछार
  • महेवा पट्टी पूरब उपरहार
  • मीरखपुर कछार
  • बेला कछार बारूदखाना
इन गांवों को नए जिले का हिस्सा बनाने से इन क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता मिल सकेगी, जिससे यहां रहने वाले लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा।

महाकुंभ नगर को मिलेगा यूपी 69 वाहन कोड

जब किसी नए जिले का गठन होता है, तो उस जिले के वाहनों के लिए एक अलग कोड निर्धारित किया जाता है। महाकुंभ मेला को नया जिला बनाए जाने के साथ अब महाकुंभ नगर के वाहनों के लिए यूपी 69 कोड जारी किया जाएगा। यह कोड यूपी के अन्य जिलों के वाहन कोड से अलग होगा। पहले प्रयागराज जिले के वाहनों का कोड यूपी 70 था, लेकिन महाकुंभ मेला जिले को अब यूपी 69 कोड मिलना तय है। इस तरह से महाकुंभ मेला की पहचान और प्रशासनिक रूप से इसकी स्थिति और सुदृढ़ हो जाएगी।

महाकुंभ मेला जिले के बनने से क्या बदलने वाला है?

महाकुंभ मेला का नया जिला बनने से क्षेत्र के विकास को लेकर कई बदलाव होंगे।
  1. बेहतर बुनियादी ढांचा: महाकुंभ के आयोजन के लिए सरकार को बड़ा बजट मिलेगा, जिससे यहां की सड़क, जल आपूर्ति, बिजली, और अन्य बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा।
  2. प्रशासनिक सुगमता: नए जिले के बनने से प्रशासनिक मामलों में भी सुधार होगा। अधिक कलेक्टरों की नियुक्ति से कामकाजी प्रक्रिया तेज होगी और फैसले जल्दी लिए जाएंगे।
  3. नई पहचान: महाकुंभ मेला को नया जिला मिलने के साथ यहां के गांवों को भी एक नई पहचान मिलेगी, जिससे इनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
  4. राजस्व में वृद्धि: महाकुंभ के आयोजन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जिससे इन क्षेत्रों में व्यापार, होटल और पर्यटन से संबंधित कार्यों में बढ़ोतरी होगी। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मदद मिलेगी।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles