मऊ जिले की MP-MLA कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए सपा विधायक सुधाकर सिंह को 45 साल पुराने मुकदमे में बाइज्जत बरी कर दिया। कोर्ट ने यह निर्णय साक्ष्यों के अभाव में लिया, जिससे विधायक पर लगे आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं पाया गया।
1981 में हुआ था मुकदमा, एसडीएम के आदेश फाड़ने का आरोप
मुकदमा 1981 का है, जब सुधाकर सिंह पर एसडीएम के आदेश फाड़ने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया गया था। यह मामला एसडीएम के पेसकार द्वारा दर्ज कराया गया था। 45 साल के इस पुराने मामले में अभियोजन पक्ष साक्ष्य पेश नहीं कर सका, जिसके चलते कोर्ट ने सुधाकर सिंह को दोषमुक्त कर दिया।
विधायक के वकील ने दी जानकारी
सुधाकर सिंह के अधिवक्ता हरिकांत सिंह ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए, जिसके कारण MP-MLA कोर्ट ने अपने फैसले में विधायक को बरी कर दिया।
सुधाकर सिंह की चुनावी जीत
गौरतलब है कि सुधाकर सिंह ने पिछले उपचुनाव में मऊ की घोसी सीट से बीजेपी के दारा सिंह चौहान को हराकर विधायक का चुनावी जीत हासिल की थी। यह जीत उनके राजनीतिक सफर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई थी, और अब कोर्ट से बरी होने के बाद उनका राजनीतिक करियर और मजबूत होने की संभावना है।
यह मामला यह भी दर्शाता है कि समय के साथ पुराने मामले साक्ष्य के अभाव में कमजोर हो सकते हैं, और न्यायालय में निष्पक्ष सुनवाई से ही सही फैसला लिया जा सकता है।