6 दिसंबर, शुक्रवार को संसद के शीतकालीन सत्र का दसवां दिन था, जब राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने एक बयान दिया, जिसने संसद में हंगामा मचा दिया। उनके अनुसार, 5 दिसंबर को जब सदन की कार्यवाही समाप्त हुई, तो सीट नंबर 222 से 500 रुपये के नोटों की गड्डी मिली। यह सीट कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को अलॉटेड है। सभापति ने कहा कि गड्डी में करीब 100 नोट थे, जो 500 रुपये के थे। हालांकि, सिंघवी ने इसे लेकर बयान दिया कि वे संसद में 500 रुपये से अधिक का पैसा कभी नहीं लाते हैं।
यह बयान सुनते ही सदन में खलबली मच गई, और कई सांसद इस मामले पर सवाल उठाने लगे। इस घटना के बाद राज्यसभा के सभापति ने पूरे मामले की जांच कराने का आदेश दिया। इस खबर ने न सिर्फ संसद में बल्कि देशभर में चर्चाएं तेज कर दीं। लेकिन सवाल उठता है कि संसद में सांसद कितने पैसे ले जा सकते हैं और इसके लिए क्या नियम हैं?
संसद में पैसे लेकर जाने की क्या हैं व्यवस्था?
संसद में सांसदों को किसी भी प्रकार की बड़ी रकम लेकर जाने की अनुमति है। इसके बावजूद, इसके लिए कोई विशेष नियम नहीं हैं, यानी कोई भी सांसद चाहे जितनी रकम लेकर संसद के भीतर जा सकता है। संसद भवन में खाने-पीने की दुकानों और बैंक की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जहां सांसद जरूरत पड़ने पर पैसे निकाल सकते हैं। ऐसे में संसद में पैसे लेकर जाना नियमों के खिलाफ नहीं है।
हालांकि, संसद में बड़ी रकम का प्रदर्शन करना सख्त मना है। संसद की गरिमा को बनाए रखने के लिए सांसदों को पैसे का प्रदर्शन या दिखावा करने से रोका जाता है। यह नियम 2008 में लागू हुआ था, जब भाजपा के सांसदों ने संसद में नोटों की गड्डी लाई थी।
व्यक्तिगत सामान लेकर जाने के क्या हैं नियम?
सांसदों को अपने व्यक्तिगत सामान के लिए कुछ शर्तों के तहत अनुमति दी जाती है। जैसे कि छोटा पर्स या जरूरी सामान वाला बैग, जो सदन के कामकाज को प्रभावित न करता हो, उसे ले जाना जा सकता है। महिला सांसदों को हैंडबैग ले जाने की अनुमति है, लेकिन यह शर्त है कि इसका इस्तेमाल केवल व्यक्तिगत कामों के लिए किया जाए।
इसके अलावा, सांसदों को बटुआ या छोटे बैग ले जाने की भी छूट है, बशर्ते यह कार्यवाही में कोई विघ्न न डाले।
संसद में कौन-कौन सी चीजें ले जा सकते हैं?
संसद में सांसदों को कई चीजों को लेकर जाने की अनुमति है, लेकिन कुछ नियमों के तहत। इनमें शामिल हैं:
- दस्तावेज़: सांसद विधायी कामों के लिए जरूरी कागजात, नोट्स, रिपोर्ट या बिल लेकर जा सकते हैं।
- भाषण के पेपर: बहस या चर्चा में भाग लेने के लिए तैयार किया गया भाषण लेकर जाना जा सकता है।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण: यदि अनुमति मिल जाए तो सांसद मोबाइल फोन, टैबलेट, या लैपटॉप अपने साथ ले जा सकते हैं।
- जलपान: कार्यवाही के दौरान हल्का नाश्ता या पानी लाने की अनुमति है।
संसद में कौन सी चीजें नहीं ले जानी चाहिए?
संसद में कई चीजों को लेकर जाना मना है, जो सदन की गरिमा और कार्यवाही को प्रभावित कर सकती हैं। इनमें शामिल हैं:
- अशोभनीय सामग्री: कोई भी ऐसी वस्तु जो संसद की कार्यवाही या वातावरण को अपमानजनक या अनुचित बनाए, उसे अंदर लाना मना है।
- प्रदर्शन सामग्री: तख्तियां, पोस्टर, बैनर जैसे विरोध प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान को संसद में नहीं लाया जा सकता।
- बड़ी मात्रा में नकदी: नकद का बंडल, खासकर बड़ी रकम, संसद में ले जाने पर सख्त रोक है।
- अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण: बिना अनुमति के कोई भी रिकॉर्डिंग या तस्वीर लेने वाला उपकरण संसद में ले जाना मना है।
नोटों की गड्डी मिलने पर क्या कहती है संसद की सुरक्षा व्यवस्था?
राज्यसभा के सभापति के बयान के बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि संसद की सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक हुई है या नहीं। हालांकि, यह सुनिश्चित किया जाता है कि संसद में किसी भी प्रकार का अशोभनीय प्रदर्शन या किसी की गरिमा को ठेस न पहुंचे। फिर भी, संसद के अंदर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था है और सांसदों को नियमों का पालन करना जरूरी है।
संसद के भीतर व्यक्तिगत सामान और पैसे लेकर जाने की छूट दिए जाने के बावजूद, बड़ी रकम का प्रदर्शन या उसका दुरुपयोग सदन की कार्यवाही के लिए घातक हो सकता है। यही वजह है कि इस मामले में जांच की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी ने नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया है।
इस पूरे घटनाक्रम ने संसद में नियमों के पालन को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े किए हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और सांसदों के भीतर कौन से नए दिशानिर्देश लागू किए जाते हैं।