नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इंडिया गठबंधन को नेतृत्व देने वाले बयान पर सियासी हलचल तेज हो गई है। ममता के इस बयान पर समाजवादी पार्टी ने खुलकर समर्थन दिया है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि अगर ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करती हैं तो समाजवादी पार्टी को इससे कोई आपत्ति नहीं है। सपा ने ममता की पार्टी की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि वह लगातार भाजपा के खिलाफ खड़ी हैं और गठबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
सपा का समर्थन
उदयवीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ममता बनर्जी एक मजबूत और प्रमुख नेता हैं। उनकी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (TMC), ने हमेशा भाजपा के खिलाफ संघर्ष किया है और इस संघर्ष में उसने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सपा नेता ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल के चुनावी परिणामों ने यह साबित किया है कि ममता की पार्टी का प्रभाव न सिर्फ बंगाल में, बल्कि देशभर में बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा, “2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल और उत्तर प्रदेश दोनों की साझेदारी ने भारत के विपक्षी दलों को मजबूती दी है। इसके कारण भाजपा को एक कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा है। अगर ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व देने का फैसला सभी घटक दलों की सहमति से लिया जाता है तो समाजवादी पार्टी इस फैसले का पूरी तरह से समर्थन करेगी।”
आम सहमति पर जोर
सपा ने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन के भीतर सभी दलों के बीच आपसी सहमति और विश्वास का होना बेहद जरूरी है। उदयवीर सिंह ने बताया कि अगर सभी सदस्य दलों के बीच इस मसले पर आम सहमति बनती है, तो सपा इसमें कोई आपत्ति नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी ने जो संघर्ष और समर्पण दिखाया है, वह हर विपक्षी पार्टी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
ममता का बयान
यह बयान ममता बनर्जी के उस वक्त के बयान के बाद आया है, जब उन्होंने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर अपनी इच्छा जताई थी। ममता ने कहा था कि अगर यह गठबंधन उन्हें नेतृत्व देने का निर्णय लेता है, तो वह इसका स्वागत करेंगी। हालांकि, इस बयान पर कुछ विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएं भी मिलीं, जिनमें कुछ ने इसका विरोध भी किया है। लेकिन सपा ने इस बयान का खुलकर समर्थन किया है और इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा है।
सपा और तृणमूल का गठबंधन
समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच लंबे समय से मजबूत राजनीतिक संबंध रहे हैं। दोनों पार्टियां भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश कर रही हैं। पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के चुनावी परिणामों ने दोनों पार्टियों को यह एहसास दिलाया है कि अगर वे एक साथ आएं तो भाजपा को कड़ी टक्कर दी जा सकती है।
2024 के लोकसभा चुनावों में इस गठबंधन के महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद जताई जा रही है। ममता बनर्जी के नेतृत्व को लेकर सपा का समर्थन इस बात का संकेत है कि दोनों दल चुनावी मैदान में एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ संघर्ष कर सकते हैं।