7 दिसंबर को देशभर में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के वीर सैनिकों के सम्मान में समर्पित होता है, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान को नमन किया।
पीएम मोदी ने लिखा, “सशस्त्र बल झंडा दिवस हमारे बहादुर सैनिकों की वीरता, संकल्प और बलिदान को सलाम करने का दिन है। उनकी बहादुरी हमें प्रेरणा देती है, उनके बलिदान हमें विनम्र बनाते हैं, और उनकी निष्ठा हमें सुरक्षित रखती है। आइए हम सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में योगदान दें और सैनिकों के प्रति सम्मान व्यक्त करें।”
सशस्त्र सेना झंडा दिवस का महत्व
सशस्त्र सेना झंडा दिवस हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है, ताकि भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के बहादुर सैनिकों के योगदान और बलिदान को याद किया जा सके। इस दिन का आयोजन 28 अगस्त 1949 को रक्षा मंत्री की समिति द्वारा शुरू किया गया था, जब सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष की स्थापना की गई थी। 1993 में रक्षा मंत्रालय ने इस कोष को और प्रभावी बनाने के लिए इसे एकजुट किया।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य देश के वीर सैनिकों के परिवारों के पुनर्वास और कल्याण के लिए धन इकट्ठा करना है। इसके लिए आम जनता और स्वयंसेवक कूपन, झंडे और स्टिकर बेचकर धन जुटाते हैं। इस राशि का उपयोग युद्ध पीड़ितों, सेवा में शामिल सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए किया जाता है।
देशभर में आयोजन और धन संग्रह की प्रक्रिया
सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर पूरे देश में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा देशभक्ति गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य जनता को सशस्त्र बलों की सेवाओं के बारे में जागरूक करना और उनकी उपलब्धियों को उजागर करना है। स्थानीय शाखाओं और गवर्निंग कमेटी द्वारा इन आयोजनों का संचालन किया जाता है, और धन संग्रह की प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए कई प्रकार की गतिविधियाँ की जाती हैं।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य युद्ध पीड़ितों के परिवारों का पुनर्वास और पूर्व सैनिकों के कल्याण की दिशा में काम करना है। इसके तहत सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए धन इकट्ठा किया जाता है।
हर भारतीय के लिए एक विशेष अवसर
सशस्त्र सेना झंडा दिवस हर भारतीय को हमारे सैनिकों की वीरता और समर्पण को नमन करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। यह दिन हमारे सैनिकों की श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनकी सेवा को सम्मान देने का दिन है, जो अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा में लगे रहते हैं। पीएम मोदी ने भी इस दिन को लेकर अपने संदेश में भारतीय सैनिकों के योगदान को सराहा और जनता से अपील की कि वे इस कोष में योगदान दें और सैनिकों के प्रति सम्मान व्यक्त करें।