पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने राज्यसभा की एक खाली सीट के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्यसभा के उपचुनाव में ऋतब्रत बनर्जी को अपना प्रत्याशी बनाया है। यह सीट पिछले साल तृणमूल के सांसद जवाहर सरकार के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। अब, तृणमूल इस सीट पर अपनी पकड़ बनाने के लिए उपचुनाव में उतरने जा रही है।
जवाहर सरकार, जो तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सांसद थे, ने पिछले साल सितंबर में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा तब सामने आया जब वे आरजी कर अस्पताल में हुई एक घटना से काफी नाराज हो गए थे। इस घटना में ममता बनर्जी की सरकार के कुछ कदमों पर जवाहर सरकार ने आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि ममता बनर्जी को डॉक्टरों से सीधे बातचीत करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने बहुत ही कम और देर से कदम उठाए। इसी कारण उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से राज्यसभा में तृणमूल की यह सीट खाली पड़ी थी, जिस पर अब तृणमूल कांग्रेस ने ऋतब्रत बनर्जी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
तृणमूल कांग्रेस को उम्मीदें हैं ऋतब्रत से
ऋतब्रत बनर्जी का राजनीति में एक दिलचस्प और बदलता हुआ सफर रहा है। पहले वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के छात्र संगठन एसएफआई से जुड़े हुए थे। कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने एसएफआई के अखिल भारतीय महासचिव का पद संभाला था। बाद में सीपीएम ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। हालांकि, राज्यसभा में जाते ही उन्होंने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। आरोप था कि उन्होंने अपनी लक्जरी लाइफस्टाइल के लिए महंगे सामान खरीदे, जैसे एप्पल वॉच और मोंट ब्लांक पेन, जबकि उनकी पार्टी उन्हें महीने के महज 6000 रुपये देती थी। इस विवाद के बाद सीपीएम ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया।
इसके बाद ऋतब्रत बनर्जी कुछ समय तक बिना किसी पार्टी के राजनीति करते रहे। फिर 2021 में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया। तृणमूल ने उन्हें प्रदेश के श्रमिक संघ (INTTUC) का अध्यक्ष बना दिया, जहां उन्होंने अपने काम से पार्टी के नेताओं का विश्वास जीत लिया। अब, तृणमूल ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला किया है।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि ऋतब्रत बनर्जी राज्यसभा में पार्टी की स्थिति को मजबूत करेंगे। पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ऋतब्रत को शुभकामनाएं दीं और कहा कि उन्होंने राज्यभर में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की है। अभिषेक ने यह भी कहा कि मेहनत का हमेशा फल मिलता है। वहीं, ममता बनर्जी ने भी ऋतब्रत को बधाई देते हुए कहा कि वह राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस की ‘योग्य विरासत’ को आगे बढ़ाएंगे और भारतीयों के अधिकारों के लिए आवाज उठाएंगे।
तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद की राजनीति
ऋतब्रत बनर्जी का तृणमूल कांग्रेस में आना पार्टी के लिए एक बड़ा कदम है। वह पहले सीपीएम के नेता थे, लेकिन अब तृणमूल में शामिल होकर एक नई दिशा में काम कर रहे हैं। उनके बारे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि वह राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस का प्रभाव बढ़ाएंगे। तृणमूल को पूरा विश्वास है कि वह भारतीयों के हक में काम करेंगे और पार्टी के हित में फैसला लेंगे।
क्या ऋतब्रत बनर्जी राज्यसभा में अपनी छाप छोड़ पाएंगे?
अब देखना यह होगा कि ऋतब्रत बनर्जी इस मौके का सही उपयोग करते हुए राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस की ताकत बढ़ा पाते हैं या नहीं। उनका राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, लेकिन तृणमूल ने उन पर जो विश्वास जताया है, वह यह दर्शाता है कि वह इस चुनौती के लिए तैयार हैं।
तृणमूल कांग्रेस के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्यसभा में पार्टी को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए इस सीट को जीतना जरूरी है। अगर ऋतब्रत यह सीट जीतने में सफल रहते हैं, तो यह तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ी जीत साबित होगी।
ऋतब्रत बनर्जी का नाम इस उपचुनाव में इसलिए भी अहम है क्योंकि उनके सीपीएम से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी में नए विचार और विचारधारा का मिश्रण हो सकता है। इस बदलाव का असर राज्यसभा में तृणमूल की भूमिका पर पड़ सकता है, और पार्टी को इससे भी फायदा हो सकता है।