सीरिया में बशर अल असद की सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाला संगठन हयात तहरीर अल शाम, जिसे पहले अल कायदा के सीरिया-इराक विंग से निकला हुआ माना जाता था, अब आतंकवादी संगठनों की सूची से बाहर किया जा सकता है। यह कदम अमेरिका द्वारा उठाए जाने की संभावना है, जो इस संगठन के खिलाफ अपने दृष्टिकोण में बदलाव का संकेत देता है। हयात तहरीर अल शाम ने 27 नवंबर को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ हमले शुरू किए थे, और महज 10 दिनों के भीतर ही उन्होंने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया था।
हयात तहरीर अल शाम का बदलाव
हयात तहरीर अल शाम के संगठन को पहले अल कायदा से जोड़ा जाता था, लेकिन इसने पिछले कुछ वर्षों में अपने आप को एक राष्ट्रवादी संगठन के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की है। इसके बाद अब अमेरिका द्वारा इसे आतंकवादी संगठन की सूची से बाहर करने का विचार किया जा रहा है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका इस संगठन को आतंकवादियों की सूची से बाहर निकालने पर विचार कर रहा है, हालांकि यह कदम कई सवालों को जन्म देता है, खासतौर पर इस संगठन की आतंकवादी गतिविधियों और इसके अल कायदा से जुड़े होने की वजह से।
तुर्की, अमेरिका, इजराइल और यूक्रेन की मदद का दावा
कई रिपोर्टों में यह भी दावा किया जा रहा है कि हयात तहरीर अल शाम को तुर्की, अमेरिका, इजराइल और यूक्रेन जैसे देशों से मदद मिली है। हालांकि, यह संगठन तुर्की और अमेरिका की आतंकवादी सूची में आता है, फिर भी इसे पश्चिमी देशों से समर्थन मिल सकता है। ऐसा कहा जा रहा है कि हयात तहरीर अल शाम को एक नए रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, ताकि इसका उद्देश्य और गतिविधियां पश्चिमी देशों के लिए अधिक स्वीकार्य हो सकें। इसके लिए इस संगठन ने कट्टर इस्लामवाद से हटकर खुद को एक राष्ट्रवादी संगठन के रूप में पेश किया है।
अमेरिका की सीरिया में दखलंदाजी और सैन्य कार्रवाई
अमेरिका लगातार सीरिया में अपनी सैन्य उपस्थिति बनाए हुए है और अपने रणनीतिक हितों की रक्षा करने के लिए कार्रवाई कर रहा है। हाल ही में अमेरिका ने सीरिया में ISIS के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका अपनी सुरक्षा चिंताओं को लेकर सक्रिय है। सोमवार को अमेरिका ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि उसने सीरिया में ISIS के 75 ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इन हमलों को अमेरिका ने भविष्य की सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर किया था, और इसमें किसी नागरिक के मारे जाने की संभावना बहुत कम बताई गई है।
सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति
अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया कि उसके लगभग 900 सैनिक सीरिया में तैनात हैं, जो अमेरिकी समर्थित कुर्द फोर्स की ट्रेनिंग का काम करते हैं। अमेरिका का कहना है कि सीरिया में यह सैनिक वहां के हालात की निगरानी रखते हैं और ISIS से लड़ने के लिए स्थानीय बलों के साथ मिलकर काम करते हैं। अमेरिका के इस कदम से यह भी साफ होता है कि अमेरिकी सेना सीरिया में अपनी उपस्थिति जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है, भले ही सीरिया के भीतर राजनीतिक और सैन्य हालात बदलते रहे हों।
क्या हयात तहरीर अल शाम को आतंकवादी संगठन से बाहर किया जाएगा?
अमेरिका का यह कदम हयात तहरीर अल शाम के भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। अगर यह संगठन आतंकवादी सूची से बाहर होता है तो यह सीरिया में अमेरिकी नीति और भविष्य की कार्रवाई को प्रभावित कर सकता है। वहीं, यह कदम इस बात का संकेत भी हो सकता है कि अमेरिका अपने गठबंधन को मजबूत करने के लिए हयात तहरीर अल शाम जैसे समूहों से तालमेल बैठाने का प्रयास कर रहा है।
हालांकि, यह कदम कई सवालों को जन्म देता है, क्योंकि इस संगठन के पीछे वही लड़ाके हो सकते हैं जो पहले अल कायदा और ISIS के लिए लड़ रहे थे। इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या अमेरिका अपने रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए इस संगठन को न सिर्फ समर्थन दे रहा है, बल्कि इसे एक नया रूप देने की कोशिश भी कर रहा है।