बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई है। आज यानी शनिवार को उन्हें दिल्ली के प्रसिद्ध अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक उनकी हालत अभी स्थिर है, और उनके स्वास्थ्य पर डॉक्टरों की निगरानी जारी है। जल्द ही अस्पताल द्वारा उनका मेडिकल बुलेटिन जारी किया जाएगा, जिसमें उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में और जानकारी दी जाएगी।
आखिरी कुछ महीनों में चौथी बार अस्पताल में भर्ती हुए आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी, जो कि 97 साल के हैं, पिछले कुछ महीनों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। यह उनकी पिछले 4-5 महीनों में चौथी बार अस्पताल में भर्ती होने की घटना है। इससे पहले, अगस्त के महीने में भी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके अलावा, 3 जुलाई को भी आडवाणी को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था। इससे पहले, 26 जून को उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भी भर्ती किया गया था, जहां उन्हें न्यूरोलॉजी विभाग की निगरानी में रखा गया था। वहीं, उनकी एक छोटी सी सर्जरी भी की गई थी, जिसके बाद उन्हें जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया गया था।
आडवाणी लंबे समय से अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं और इस वजह से वह सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहते हैं। पिछले कुछ महीनों में उनके स्वास्थ्य में लगातार उतार-चढ़ाव आया है।
भारत रत्न से सम्मानित आडवाणी की उपस्थिति में कमी
लालकृष्ण आडवाणी को इस वर्ष भारत सरकार द्वारा देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ‘भारत रत्न’ दिया गया था। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों के चलते वह राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में भाग नहीं ले सके थे। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 30 मार्च को उनके निवास पर जाकर उन्हें यह सम्मान दिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
आडवाणी की प्रतिष्ठा और योगदान
लालकृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति के एक महान नेता हैं। वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उप प्रधानमंत्री रहे हैं और इसके अलावा, उन्होंने देश के गृह मंत्री के रूप में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका योगदान भारतीय राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण रहा है। इसके अलावा, उन्हें 2015 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
आडवाणी की स्वास्थ्य स्थिति और उनका अस्वस्थ रहना, उनके समर्थकों और समर्पित अनुयायियों के लिए चिंता का विषय है। उनकी लगातार अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद उनका नाम भारतीय राजनीति में एक बड़े आदर्श और प्रभावशाली नेता के रूप में हमेशा रहेगा।