BPSC परीक्षा में OMR शीट में आधा गोला भरने की वजह से आयोग ने जारी की गाइडलाइन, जानें पूरा मामला

13 दिसंबर को आयोजित हुई बीपीएससी 70वीं सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा में इस बार परीक्षा केंद्रों पर काफी सख्ती बरती गई। छात्रों का कहना है कि इस बार एग्जाम सेंटर पर यूपीएससी जैसी व्यवस्था की गई थी, जहां सीसीटीवी कैमरे तक लगाए गए थे और कई जिलों में तो केंद्रीय कैफे भी बंद करा दिए गए थे। इस बार परीक्षा में सबसे ज्यादा ध्यान OMR शीट पर दिया गया था, जिसे लेकर बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने पहले ही एक गाइडलाइन जारी की थी।

आधा गोला भरने से बढ़ी परेशानी

गाइडलाइन के मुताबिक, OMR शीट में उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत से अधिक गोले भरने की सख्त हिदायत दी गई थी। अगर किसी ने यह नियम नहीं माना और कम गोले भरे, तो उनका नाम संदेह सूची में दर्ज कर लिया जाता। इस सूची में उन उम्मीदवारों का नाम और कारण दर्ज किया जाता कि उन्होंने आखिर क्यों 50 प्रतिशत से कम गोले भरे। यह कदम इसलिए उठाया गया था ताकि परीक्षा में धांधली का कोई भी मौका न मिले।

आधा गोला करने का मामला 2022 से चला आ रहा है

बीपीएससी ने इस गाइडलाइन को लागू करने के पीछे की वजह भी बताई। असल में, 2022 में कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि कुछ परीक्षार्थी OMR शीट में आधा गोला भरकर छोड़ देते थे, और वही गोला किसी खास पेन से मिटाया जा सकता था। इस तरह से किसी दूसरे अभ्यर्थी के लिए धांधली का मौका बन सकता था। खासकर वह पेन जिसे पहले से आधे गोले को मिटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था, उस पेन से गोला फिर से भरा जा सकता था और नकली शीट बनाई जा सकती थी।

इसको लेकर छात्र नेता दिलिप यादव ने भी अपनी चिंता जताई थी और यहां तक कि उन्होंने सीबीआई जांच की भी मांग की थी। उनका कहना था कि यह सब कुछ बीपीएससी के अधिकारियों के साथ मिलीभगत का हिस्सा था।

परीक्षा केंद्रों पर बढ़ी सख्ती

इस बार परीक्षा में बढ़ी सख्ती का असर भी देखने को मिला। छात्रों ने बताया कि पहले से ही उन्हें OMR शीट में कम गोले भरने के खिलाफ चेतावनी दी गई थी। यदि कोई छात्र ऐसा करता तो उसका नाम संदेहास्पद सूची में डाल दिया जाता। इस कदम के जरिए परीक्षा में धांधली की गुंजाइश को खत्म करने की कोशिश की गई थी। इसके अलावा, किसी ने जानबूझकर आधे गोले भरे तो उसे कड़ी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता था।

पेपर्स लीक की चर्चा भी थी गर्म

बीपीएससी परीक्षा के दौरान एक और विवाद ने जन्म लिया। कई छात्रों ने यह आरोप लगाया कि पेपर लीक हो गया था। छात्रों का कहना था कि कुछ उम्मीदवार क्वेश्चन पेपर और OMR शीट लेकर परीक्षा केंद्र से बाहर निकल गए। इस मामले में एक परीक्षा केंद्र से यह खबर भी आई कि छात्र 12 बजे परीक्षा देने पहुंचे थे, जबकि पेपर देरी से मिला। जब छात्रों ने इस देरी को लेकर सवाल उठाए, तो उन्हें परीक्षा में अतिरिक्त 30 मिनट देने का प्रस्ताव दिया गया।

पटना में विरोध प्रदर्शन, डीएम का विवाद

बीपीएससी परीक्षा के दौरान पटना में छात्रों ने पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया। इस बीच पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह भी विरोध कर रहे छात्रों के पास गए थे, लेकिन किसी बात पर डीएम भड़क गए और उन्होंने एक अभ्यर्थी को थप्पड़ मार दिया। यह घटना काफी सुर्खियों में रही, क्योंकि इसके बाद छात्रों ने इस मामले को लेकर और भी ज्यादा विरोध किया।

नवीन गाइडलाइन से होगा प्रभाव

अब जो नई गाइडलाइन जारी की गई है, उससे यह साफ हो गया है कि BPSC परीक्षा में किसी भी प्रकार की धांधली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। छात्रों को अब और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होगी, क्योंकि अगर OMR शीट में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो संदेह सूची में नाम आने के बाद परीक्षा परिणाम पर असर पड़ सकता है।

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