लखनऊ: अभिनेता और बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने राफेल डील पर केंद्र और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है. शत्रुघ्न सिन्हा समाजवादी पार्टी की ओर से आयोजित जयप्रकाश नारायण की जयंती कार्यक्रम में लखनऊ पहुंचे थे. सपा ऑफिस में उनके साथ पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा और अखिलेश यादव भी थे. बिहारी बाबू ने राफेल डील पर राहुल गांधी के सुर से सुर मिलाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार को जबाब देना पड़ेगा. वहीं यशवंत सिन्हा ने कहा कि मौजूदा वक्त में देश के हालात इमरजेंसी से भी बदतर हैं.
राफेल डील से एचएएल बाहर क्यों ?
शत्रुघ्न सिन्हा ने सवाल किया कि राफेल सौदे से एचएएल को क्यों हटाया गया और उस कंपनी को क्यों दिया गया जिसने बाइक तक का पुर्जा नहीं बनाया. शत्रुघ्न ने कहा कि, “जुमलेबाजी और खोखला वायदा नहीं चलेगा. बीजेपी में तानाशाही चल रही है. नोटबंदी पर गरीबों के बारे में कुछ नहीं सोचा गया. नोटबंदी के बाद जीएसटी लागू कर व्यापारियों की कमर तोड़ दी गई. राफेल डील पर सरकार को जवाब देना होगा.”
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शत्रु ने की अखिलेश, तेजस्वी की तारीफ
शत्रुघ्न सिन्हा ने अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव की तारीफ में कसीदे पढ़े. उन्होंने कहा कि, “यूपी में अखिलेश यादव तैयार है, बिहार में तेजस्वी तैयार हो चुका है. अब डरने की जरूरत नहीं है.” शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अखिलेश यादव के साथ मिलकर भविष्य की राजनीति पर चर्चा भी करेंगे. उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण को मानने वालों में हम सब हैं. मैं हर दल का प्रिय हूं. सभी लोग मुझे मानते हैं. अखिलेश मुझे मौका दें या मैं अखिलेश को मौका दूं बात एक ही है. हम सब एक परिवार की तरह है. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि, “ईवीएम पर भी निगाह और ख्याल रखना. मैं मन की बात तो नहीं करता, क्योंकि इसका पेटेंट किसी और का है, मैं दिल की बात करता हूं.”
देश में इमरजेंसी जैसे हालात- यशवंत
अखिलेश के साथ मौजूद यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश में मौजूदा हालात इमरजेंसी से भी बदतर हैं. उन्होंने कहा कि सभी को एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा. देश में लोकतंत्र खतरे में है. अगर हम नहीं चेते तो देश का बहुत नुकसान होगा. यशवंत ने कहा कि अगर हम मिलकर लड़े तो 1977 वाली जीत दोहराई जा सकती है. यशवंत सिन्हा ने कहा कि मौजूदा दौर में एक ही व्यक्ति सारे बड़े फैसले ले रहा है. उन्होंने कहा कि राफेल सौदा हुआ और देश के रक्षा मंत्री को नहीं पता चला. देश में नोटबंदी होने वाली थी तो देश के वित्त मंत्री को ही जानकारी नहीं थी.