प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 12 जनवरी को ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग 2025’ में हिस्सा लिया। स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने युवा नेताओं से संवाद किया और देश की युवा शक्ति को लेकर अपने विचार साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि भारत की युवा शक्ति देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और यही शक्ति भारत को जल्द ही एक विकसित राष्ट्र बना सकती है।
स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए पीएम मोदी का संदेश
अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद ने हमेशा युवाओं पर विश्वास किया था। वे कहते थे, “मेरा विश्वास युवा पीढ़ी में है, मेरी कार्यशक्ति युवा पीढ़ी से आएगी और यह पीढ़ी हर समस्या का समाधान निकालेगी।” पीएम मोदी ने कहा कि जैसे स्वामी विवेकानंद जी को युवा पीढ़ी पर विश्वास था, वैसे ही मुझे भी युवा शक्ति पर पूरा विश्वास है। उनका मानना है कि यह युवा शक्ति भारत को अगले 25 सालों में विकसित राष्ट्र बना देगी।
भारत की युवा शक्ति की ताकत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत के सामने एक बड़ा अवसर है, जिसे वे ‘Golden Period’ यानी अमृतकाल कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि भारत की युवा शक्ति इस समय का सही इस्तेमाल करेगी और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को पूरा करेगी। मोदी ने यह भी कहा कि आज भारत कई ऐसे क्षेत्रों में अपने लक्ष्यों को तय समय से पहले हासिल कर रहा है, और यदि भारत के हर कदम और नीति का मार्गदर्शन ‘विकसित भारत’ का सपना होगा तो कोई भी ताकत दुनिया में हमें इसे पूरा करने से नहीं रोक सकती।
कोरोना काल में भारत का योगदान
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना महामारी का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, “आपको याद होगा जब पूरी दुनिया कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए परेशान थी, तब भारत के वैज्ञानिकों ने समय से पहले वैक्सीन बना ली और दुनिया को दिखा दिया कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है।” पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कैसे अमेरिका जैसे देश 1930 के दशक में एक बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे थे, लेकिन उनकी जनता ने ठान लिया था कि वे संकट से बाहर निकलेंगे और उन्होंने अपनी विकास की रफ्तार को कई गुना तेज कर लिया।
भारत के युवाओं का संकल्प और आत्मविश्वास
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोगों ने हमेशा अपनी संकल्पशक्ति से इतिहास रचा है। स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजों के पास ताकत और संसाधन थे, लेकिन भारतीयों के मजबूत संकल्प ने उन्हें देश से बाहर कर दिया। पीएम मोदी ने कहा, “मुझे भारत के युवाओं पर विश्वास है, यही विश्वास मुझे MYBharat.com जैसी पहल शुरू करने के लिए प्रेरित करता है।” उन्होंने कहा कि देश के युवाओं के भीतर वो शक्ति है, जो भारत को बहुत जल्द एक विकसित राष्ट्र बना सकती है।
‘परम मित्र’ वाला नाता
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उनका भारत के युवाओं के साथ एक ‘परम मित्र’ वाला रिश्ता है। उनका मानना है कि मित्रता की सबसे मजबूत कड़ी होती है ‘विश्वास’। और यह विश्वास ही उन्हें युवाओं के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करता है। पीएम मोदी ने यह स्पष्ट किया कि देश की विकास यात्रा में युवाओं की भूमिका न केवल अहम है, बल्कि वह इस यात्रा को तेज भी कर सकते हैं।
भारत मंडपम में ऊर्जा का संचार
अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने भारत मंडपम में उपस्थित युवाओं की ऊर्जा की सराहना की और कहा कि “आज इस मंच पर बैठी युवा शक्ति की ऊर्जा से पूरा भारत मंडपम ऊर्जा से भर गया है, यही ऊर्जा देश के विकास में भी उपयोगी साबित होगी।” उनका विश्वास है कि अगर युवा शक्ति इसी तरह निरंतर सक्रिय रहती है, तो भारत को विकास के नए शिखर पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता।
भारत का ‘Golden Period’
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत आज जिस स्थिति में खड़ा है, वह ‘Golden Period’ है। 25 साल का यह अमृतकाल भारत के विकास के लिए ऐतिहासिक अवसर है। अगर इस मौके का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो भारत को कोई भी ताकत किसी भी दिशा में आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपने आत्मविश्वास और सामर्थ्य के साथ भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान करें।