‘चुनाव जीतकर खुश न हों, जनता सवाल पूछेगी आपने क्या किया’, नितिन गडकरी ने BJP के महाधिवेशन में कार्यकर्ताओं को दी नसीहत

महाराष्ट्र बीजेपी के महाधिवेशन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार (12 जनवरी, 2025) को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव में जीतने के बाद संतुष्ट नहीं होना चाहिए, बल्कि जनता की उम्मीदों को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को यह भी याद दिलाया कि अगर उन्होंने जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, तो जनता हमसे सवाल करेगी कि हमने क्या किया।

नितिन गडकरी ने कार्यकर्ताओं से क्या कहा?

नितिन गडकरी ने कहा कि बीजेपी की जीत सिर्फ एक शुरुआत है और इस जीत को अब हमें सही दिशा में आगे बढ़ाना है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे चुनावी जीत के बाद अपने कार्यों से जनता का विश्वास जीतें। उन्होंने यह भी कहा, “महाराष्ट्र की जनता ने हमें अभूतपूर्व सफलता दी है। उन्होंने शिवशाही के लिए हमें वोट दिया है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरें और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं।”

गडकरी ने यह भी कहा कि सत्ता का सही उपयोग समाज के सुधार के लिए होना चाहिए, और बीजेपी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महाराष्ट्र में हर व्यक्ति को बेहतर जीवन की सुविधाएं मिलें। उनका कहना था कि केवल स्मार्ट सिटी नहीं, बल्कि स्मार्ट विलेज भी बनाने चाहिए ताकि लोग मजबूरी में शहरों की तरफ ना आएं।

“जनता की उम्मीदों को पूरा करना है”

नितिन गडकरी ने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस को हराकर खुश होने का कोई फायदा नहीं है, बल्कि अब हमें यह साबित करना है कि हम अपनी सरकार में जनता के जीवन में बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा, “अगर हम पिछली सरकारों से बेहतर काम नहीं करते, तो जनता हमसे यह सवाल करेगी कि आपने क्या किया। हमें अपने काम से यह दिखाना है कि हम उनसे दस गुना बेहतर काम कर रहे हैं।”

गडकरी ने महाराष्ट्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उनका कहना था कि महाराष्ट्र में हर युवा को रोजगार मिलना चाहिए और इसके लिए राज्य में प्रभावी योजनाएं बनाई जानी चाहिए।

“राजनीति नहीं, काम से बनेगी पहचान”

गडकरी ने कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए कहा, “राजनीति में किसी की जीत या हार से कोई फर्क नहीं पड़ता, असल पहचान हमारे कामों से बनती है। उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर का उदाहरण देते हुए कहा कि डॉक्टर अंबेडकर चुनाव हार गए थे, लेकिन उनका नाम आज दुनिया भर में सम्मान के साथ लिया जाता है। जबकि जिन लोगों ने चुनाव जीते, उनका नाम आज किसी को नहीं पता।”

उन्होंने महाराष्ट्र में जातिवाद की राजनीति पर भी तंज कसा और कहा कि समाज में विद्वेष फैलाने का काम हो रहा है, लेकिन व्यक्ति जाति से नहीं, अपने काम से बड़ा होता है।

नितिन गडकरी का कश्मीर उदाहरण

गडकरी ने कश्मीर का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां के मुख्यमंत्री ने उन्हें धन्यवाद दिया क्योंकि उन्होंने कश्मीर में बहुत अच्छे सड़क नेटवर्क का निर्माण किया है। उनके अनुसार, इन सुधारों से कश्मीर में पर्यटकों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है और इससे कश्मीर के आर्थिक हालात में भी सुधार हुआ है।

“इम्पोर्ट कम और एक्सपोर्ट बढ़ाना है”

गडकरी ने भारत के आर्थिक विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इम्पोर्ट को कम करना और एक्सपोर्ट को बढ़ाना सबसे बड़ी देशभक्ति है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर हम अपने सामान को विदेशों में बेचने में सफल होते हैं, तो यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत फायदेमंद होगा।

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