नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को अपनी नई इमारत ‘इंदिरा भवन’ का उद्घाटन किया। अब तक कांग्रेस का मुख्यालय करीब 50 साल से ’24 अकबर रोड’ पर था, लेकिन अब इसे ‘9A कोटला मार्ग’ पर शिफ्ट कर दिया गया है। पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस नए मुख्यालय का उद्घाटन किया, और इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी उनके साथ थे।
क्या है नया मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में खास?
कांग्रेस के नए मुख्यालय को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है, ताकि पार्टी की बढ़ती कार्यकुशलता और प्रशासनिक जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके। यह इमारत पार्टी के संगठनात्मक और रणनीतिक कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में मददगार साबित होगी। इस मुख्यालय का शिलान्यास 2009 में हुआ था, जब यूपीए सरकार केंद्र में थी और सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष थीं। हालांकि, इसे बनने में 15 साल का समय लगा।
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए नया दफ्तर
कांग्रेस के इस नए दफ्तर का पता 9A कोटला मार्ग है, जो अब पार्टी के केंद्रीय दफ्तर के रूप में कार्य करेगा। इमारत की डिजाइन में सभी आधुनिक सुविधाओं का ध्यान रखा गया है और यह एक कॉर्पोरेट स्टाइल में बनाई गई है। यह इमारत 6 मंजिला है और इसमें कांग्रेस पार्टी के अलावा महिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के दफ्तर भी होंगे। अब तक ये दफ्तर अलग-अलग जगहों पर थे, लेकिन अब सभी को एक ही स्थान पर एकत्रित किया गया है।
पार्टी के नेता रहे उद्घाटन में मौजूद
इस उद्घाटन कार्यक्रम में सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य, पार्टी के पदाधिकारी, केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख भी मौजूद रहे। इसके अलावा कई राज्यों के विधायक, सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री भी इस मौके पर उपस्थित थे।
24 अकबर रोड से इंदिरा भवन तक का सफर
कांग्रेस पार्टी ने 1978 में अपने मुख्यालय को ’24 अकबर रोड’ पर शिफ्ट किया था, और तब से लेकर अब तक यह पार्टी का केंद्रीय दफ्तर रहा है। अब करीब 47 साल बाद, पार्टी ने अपना दफ्तर बदलने का फैसला किया है और इंदिरा भवन में स्थानांतरित हो गई है। हालांकि, ’24 अकबर रोड’ को छोड़ने का कांग्रेस का मन नहीं था। इसे लेकर पार्टी के नेता अक्सर यह बताते रहे हैं कि यह स्थान पार्टी के इतिहास और संस्कृति का हिस्सा है।
निर्माण में आई देरी के कारण
इंदिरा भवन का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था, लेकिन यह निर्माण 15 सालों बाद पूरा हो पाया। बताया जा रहा है कि इस परियोजना में देरी का कारण संसाधनों की कमी और विभिन्न प्रशासनिक अड़चनें थीं। इस इमारत के लिए जमीन का आवंटन दीनदयाल मार्ग पर हुआ था, जहां भाजपा का मुख्यालय स्थित है, लेकिन कांग्रेस ने अपने दफ्तर का मुख्य प्रवेश द्वार कोटला मार्ग पर रखा है ताकि दफ्तर का पता वही रहे।
सोनिया गांधी का उद्घाटन
सोनिया गांधी ने नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान ध्वजारोहण भी किया। इसके बाद पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान गाकर देशभक्ति का उत्सव मनाया। उद्घाटन समारोह में पार्टी के तमाम बड़े नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर को खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
‘इंदिरा भवन’ का डिज़ाइन और संरचना
‘इंदिरा भवन’ को पार्टी की बढ़ती जरूरतों के मद्देनजर डिजाइन किया गया है। इसमें सभी आधुनिक कार्यस्थल सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे पार्टी के अंदरूनी कार्य और प्रशासनिक कामकाज को सुचारू रूप से चलाया जा सके। यह इमारत अब कांग्रेस के संगठनात्मक और रणनीतिक कार्यों के लिए एक नए और सशक्त मंच का काम करेगी।
नई शुरुआत, नई उम्मीदें
कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय का उद्घाटन पार्टी के लिए नई शुरुआत का प्रतीक है। इसे पार्टी के अंदरूनी कार्यों में नई ऊर्जा और दिशा देने के लिए देखा जा रहा है। ‘इंदिरा भवन’ अब कांग्रेस के लिए एक नया मील का पत्थर बनेगा, जो पार्टी को एक मजबूत और व्यवस्थित भविष्य की ओर अग्रसर करेगा।
अब जब पार्टी ने अपना नया मुख्यालय स्थापित कर लिया है, तो यह देखा जाएगा कि इससे कांग्रेस की कार्यशैली में क्या बदलाव आता है और यह पार्टी को आगामी चुनावों में कैसे प्रभावित करता है। पार्टी के लिए यह एक नया अध्याय है, और आने वाले समय में इससे जुड़ी और भी खबरें सामने आ सकती हैं।