कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को पार्टी के नए दफ्तर के उद्घाटन के मौके पर एक ऐसा बयान दिया, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। राहुल ने न सिर्फ संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर निशाना साधा, बल्कि ‘इंडियन स्टेट’ यानी भारतीय राज्य के खिलाफ भी बयान दे दिया। उनका यह बयान बीजेपी के निशाने पर आ गया और पार्टी के नेताओं ने इसे लेकर उन्हें घेर लिया।
राहुल गांधी का विवादित बयान
राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के नए दफ्तर के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। यह नया दफ्तर 24 अकबर रोड से शिफ्ट होकर अब 9 कोटला मार्ग पर स्थित है। इस मौके पर राहुल गांधी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें भागवत ने कहा था कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद मिली।
राहुल ने आरोप लगाया कि मोहन भागवत का यह बयान राजद्रोह के समान है। उनका कहना था कि इस बयान के जरिए भागवत ने भारतीय जनता का अपमान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसा बयान किसी दूसरे देश में दिया जाता, तो भागवत को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका होता।
राहुल गांधी ने मोहन भागवत के बयान को लेकर कहा, “भागवत का यह बयान हर भारतीय का अपमान है। इस बयान को सुनकर मुझे दुख हुआ है। भारत की सच्ची स्वतंत्रता केवल और केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की दी हुई कुर्बानियों के कारण मिली है।” इस दौरान राहुल ने बीजेपी और आरएसएस पर भी हमला बोला और कहा कि इन दोनों संगठनों ने देश की हर एक संस्था पर कब्जा कर लिया है।
इंडियन स्टेट पर बोला राहुल गांधी
राहुल गांधी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “आपको यह नहीं सोचने की गलती करनी चाहिए कि हम एक निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। अगर आप यह मानते हैं कि हम बीजेपी और आरएसएस से लड़ रहे हैं, तो आप नहीं समझ पा रहे हैं कि क्या हो रहा है। बीजेपी और आरएसएस ने हमारे देश की हर एक संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम केवल इन दोनों संगठनों से ही नहीं, बल्कि पूरे इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं।” राहुल ने यह बात कहते हुए सीधे तौर पर भारतीय राज्य को अपनी आलोचनाओं का केंद्र बना दिया।
बीजेपी का पलटवार
राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी ने तुरंत पलटवार किया। पार्टी के नेताओं ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए उनका मजाक उड़ाया और उन पर गंभीर आरोप लगाए। बीजेपी नेता अमित माल्वीय ने राहुल गांधी का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा, “राहुल गांधी अब भारतीय राज्य के खिलाफ जंग का ऐलान कर रहे हैं। यह वही योजना है जो जॉर्ज सोरेस द्वारा समर्थित है।”
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राहुल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “अब कांग्रेस का घिनौना सच सामने आ चुका है, जिसे अब उनके ही नेता ने उजागर कर दिया है। राहुल गांधी ने साफ तौर पर कह दिया है कि वह भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं। कांग्रेस का इतिहास उन ताकतों को प्रोत्साहित करने का है जो भारत को कमजोर देखना चाहते हैं।”
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अब स्पष्ट कर चुके हैं कि वे बीजेपी और पीएम मोदी के विरोध में अब देश और भारतीय राज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि यह एक सोची-समझी साजिश है जो जॉर्ज सोरेस के भारत तोड़ने के एजेंडे पर आधारित है।”
राहुल गांधी का क्या था मकसद?
राहुल गांधी का यह बयान, हालांकि बीजेपी के लिए आक्रामक था, लेकिन यह बयान कांग्रेस के भीतर के राजनीतिक संदेश का हिस्सा भी हो सकता है। राहुल ने इस दौरान जिस तरह से बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ मोर्चा खोला, वह कांग्रेस के सशक्त विपक्षी की भूमिका निभाने के लिए एक सशक्त संकेत हो सकता है। राहुल ने जिस तरह से भारतीय राज्य के खिलाफ अपनी बात रखी, वह उन लोगों के लिए एक स्पष्ट संदेश हो सकता है जो समझते हैं कि देश में लोकतंत्र और संस्थाओं पर दबाव डाला जा रहा है।
बीजेपी के लिए चुनौती
बीजेपी के लिए राहुल गांधी का यह बयान एक गंभीर चुनौती हो सकता है, क्योंकि यह सिर्फ एक व्यक्ति या पार्टी पर हमला नहीं है, बल्कि भारतीय राज्य के समक्ष कांग्रेस की स्थिति को सवालों के घेरे में लाता है। बीजेपी के आरोपों के अनुसार, राहुल गांधी और उनकी पार्टी के समर्थक एक ‘अर्बन नक्सल’ मानसिकता से प्रेरित हैं, जो भारत को कमजोर करने की दिशा में काम कर रहे हैं।