संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र बहुत खास है क्योंकि इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना आठवां बजट पेश करेंगी। हर साल की तरह इस बार भी यह सत्र संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक से शुरू होगा, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपना अभिभाषण देंगी। राष्ट्रपति का अभिभाषण होने के बाद, संसद में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी और फिर 1 फरवरी को वित्त मंत्री अपना बजट पेश करेंगी। आइए, जानते हैं इस बजट सत्र से जुड़ी सभी जरूरी बातें।
31 जनवरी से शुरू होगा बजट सत्र
बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को सुबह 11 बजे संबोधित करेंगी। यह अभिभाषण सरकार की नीतियों, योजनाओं और आगामी कार्यकाल के रोडमैप के बारे में होगा। इसके बाद, संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा, जो सरकार के मौजूदा वित्तीय साल की आर्थिक स्थिति पर आधारित होगा।
सत्र की समाप्ति की तारीख:
इस बजट सत्र की समाप्ति 4 अप्रैल के आस-पास हो सकती है। सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर बहस होगी और उन पर वोटिंग भी हो सकती है।
1 फरवरी को पेश होगा आम बजट
अब तक हर साल 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाता है, और इस बार भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपना आठवां आम बजट पेश करेंगी। यह बजट देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और भविष्य के लिए सरकारी योजनाओं को दिशा देने के लिए अहम होगा। खासकर कोविड-19 के बाद की स्थिति और आर्थिक संकट को देखते हुए इस बार के बजट में कुछ नए कदम उठाए जा सकते हैं।
पिछले कुछ सालों में सरकार ने रोजगार, विकास दर, किसानों की मदद, और टैक्स सुधारों पर खास ध्यान दिया था। इस बार भी उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कुछ बड़े फैसले ले सकती है।
राष्ट्रपति का अभिभाषण और संसद में बहस
राष्ट्रपति का अभिभाषण 31 जनवरी को होगा, और इसके बाद संसद के दोनों सदनों में उस पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस होगी। इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं द्वारा इस अभिभाषण पर जवाब दिया जाएगा। इसके बाद, संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा, जो सरकार की वित्तीय स्थिति और भविष्य के लिए संभावनाओं को दर्शाएगा।
पिछला शीतकालीन सत्र रहा था हंगामेदार
पिछले साल का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार था। इस सत्र के दौरान संसद में विपक्ष और सरकार के बीच काफी तीखी बहसें हुई थीं, और कई दिन तो पूरी तरह से हंगामे में ही खराब हो गए थे। लोकसभा और राज्यसभा की कई बैठकों की कार्यवाही स्थगित भी की गई थी। इस दौरान कई विधेयकों पर भी चर्चा हुई थी, लेकिन विपक्ष ने सरकार पर कई आरोप लगाए थे और इस सत्र का पूरा माहौल काफी गर्माया हुआ था।
हालांकि, इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि बजट सत्र ज्यादा शांति से चलेगा। सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच स्वस्थ बहस हो सकती है, जिसमें दोनों पक्ष अपनी-अपनी योजनाओं और नीतियों पर चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का यह पहला बजट सत्र
यह बजट सत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट सत्र होगा। मोदी सरकार का यह कार्यकाल अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है, और इस बार सरकार संसद में अपने लिए महत्वपूर्ण फैसले लेने की कोशिश कर सकती है। 18वीं लोकसभा का चौथा सत्र होने के कारण यह सत्र खास अहमियत रखता है, और इससे भारत की राजनीति और भविष्य के विकास का रोडमैप तय हो सकता है।
क्या खास हो सकता है इस बार का बजट?
बजट में खासतौर पर तीन प्रमुख मुद्दों पर ध्यान दिए जाने की उम्मीद है:
- आर्थिक सुधार: इस बार की बजट में सरकार अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए नई योजनाएं और पहलें पेश कर सकती है। सरकार रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कुछ कदम उठा सकती है।
- किसानों के लिए कदम: कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कुछ खास घोषणाएं हो सकती हैं, ताकि किसानों को राहत मिल सके और उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके।
- नई टैक्स नीतियां: आम बजट में टैक्स को लेकर कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, ताकि आम आदमी को ज्यादा राहत मिल सके और अर्थव्यवस्था में गति आए।
इस बार के बजट में सरकार नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है, जो भारतीय नागरिकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
संसद में होने वाली प्रमुख गतिविधियां
- राष्ट्रपति का अभिभाषण (31 जनवरी): 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी, जिसमें सरकार की नीतियों पर चर्चा होगी।
- आर्थिक सर्वेक्षण: राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा, जो देश की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करेगा।
- आम बजट (1 फरवरी): 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना आम बजट पेश करेंगी। यह बजट देश के विकास के लिए एक अहम कदम हो सकता है।
- बजट सत्र के दौरान बहस: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस होगी, इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस पर जवाब दिया जाएगा। इसके बाद संसद में बजट पर चर्चा की जाएगी।