दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल अब पूरी तरह से साफ हो चुका है। 70 विधानसभा सीटों के लिए इस बार कुल 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें सबसे बड़ी जंग नई दिल्ली सीट पर लड़ी जा रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस सीट पर अपनी चौथी बार जीतने के लिए मैदान में हैं। लेकिन इस बार उन्हें कई बड़े चेहरों से कड़ी टक्कर मिल रही है। कांग्रेस ने इस सीट पर संदीप दीक्षित को उतारा है, वहीं बीजेपी ने प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारकर एक जबरदस्त घेराबंदी की है। ऐसे में इस बार नई दिल्ली सीट पर चुनावी चक्रव्यूह रचने की कोशिश की गई है, जो महाभारत के अभिमन्यु की तरह केजरीवाल को फंसा सकता है।
नई दिल्ली सीट पर सबसे ज्यादा उम्मीदवार
नई दिल्ली विधानसभा सीट इस बार चर्चा में सबसे ज्यादा है क्योंकि यहां कुल 22 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। 40 नामांकनों में से 31 नामांकनों को वैध मानते हुए 23 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा गया है। इनमें से 4 महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं। दिल्ली की इस हाई-प्रोफाइल सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी से पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा और कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित चुनावी मैदान में हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल 699 उम्मीदवार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार कुल 70 सीटों के लिए 699 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले 2020 में 672 उम्मीदवार थे, लेकिन इस बार यह संख्या बढ़कर 699 हो गई है। हालांकि, पहले कुल 1522 नामांकन भरे गए थे, लेकिन दस्तावेजों की कमी और अन्य कारणों से 803 नामांकन रिजेक्ट कर दिए गए थे। इससे पहले, 1993 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में 1316 प्रत्याशी थे, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था।
नई दिल्ली सीट के बाद सबसे ज्यादा उम्मीदवार जनकपुरी में
नई दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा उम्मीदवार जनकपुरी विधानसभा सीट पर हैं, जहां 16 उम्मीदवार मैदान में हैं। दोनों सीटों पर दो-दो ईवीएम का उपयोग होगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया और भी रोमांचक हो जाएगी। इस बार नई दिल्ली सीट पर दो प्रमुख राजनीतिक दलों की भिड़ंत है, जिनके उम्मीदवारों का हर कदम अहम होगा।
दिल्ली में त्रिकोणीय लड़ाई की संभावना
इस चुनाव में दिल्ली की राजनीति में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। जहां बीजेपी अपनी सत्ता को फिर से पाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है, वहीं आम आदमी पार्टी लगातार चौथी बार सत्ता में वापस आने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस भी अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि बीजेपी ने 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा, उसके सहयोगी दलों ने दो सीटों पर चुनावी ताल ठोंकी है।
कस्तूरबा नगर और पटेल नगर पर कम उम्मीदवार
दिल्ली के कस्तूरबा नगर और पटेल नगर विधानसभा सीटों पर सबसे कम उम्मीदवार हैं। इन सीटों पर केवल 5-5 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। कस्तूरबा नगर सीट से आम आदमी पार्टी, बीजेपी, कांग्रेस, बसपा और एक निर्दलीय उम्मीदवार हैं, जबकि पटेल नगर से भी वही पार्टियां चुनावी जंग में हैं। इस प्रकार, इन सीटों पर मुकाबला बहुत तगड़ा नहीं होगा और कुल मिलाकर 7-10 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला रहेगा।
क्या केजरीवाल अपनी चौथी जीत हासिल कर पाएंगे?
अरविंद केजरीवाल के लिए यह चुनाव चुनौतीपूर्ण हो सकता है। नई दिल्ली सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने उनके खिलाफ कड़ा मोर्चा तैयार किया है। हालांकि, केजरीवाल की लोकप्रियता और आम आदमी पार्टी की चुनावी रणनीति पर सबकी निगाहें हैं। देखना यह होगा कि क्या वे इस बार भी महाभारत के अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह से बाहर निकलकर जीत की चौका मारते हैं या इस बार उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ेगा।
चुनावी रणभूमि में सभी की नजरें दिल्ली पर
दिल्ली विधानसभा चुनाव का यह मुकाबला बहुत ही दिलचस्प हो गया है। जहां एक ओर आम आदमी पार्टी चौथी बार सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है, वहीं बीजेपी सत्ता में वापसी के लिए पूरा दमखम लगा रही है। कांग्रेस भी अपने खोए हुए वोट बैंक को वापस पाने के लिए कोशिश कर रही है। इस चुनाव में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी है और इस बार का चुनाव दिल्ली की राजनीति के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।