गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कर्तव्य पथ पर 6 लेयर सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। करीब 15,000 जवानों की तैनाती की गई है। इसके अलावा, हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और इनकी निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी तैयार किया गया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से एआई टेक्नोलॉजी से लैस कैमरे भी लगाए गए हैं, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि का तुरंत पता चल सके।
परेड की शुरुआत विजय चौक से सुबह 10:30 बजे होगी और यह लाल किले तक जाएगी। इससे पहले, इंडिया गेट स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर सुबह 9:30 बजे श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
यातायात में बदलाव
गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में यातायात व्यवस्था में भी बदलाव किए गए हैं। विजय चौक से लाल किला तक जाने वाली सड़कों पर किसी भी वाहन को जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, सी-हेक्सागन और इंडिया गेट की ओर जाने वाली सड़कों पर भी यातायात प्रतिबंधित रहेगा। यह सभी प्रतिबंध सुबह 9:15 बजे से लेकर परेड के खत्म होने तक लागू रहेंगे।
यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे सुबह 9:30 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक इन रास्तों से बचें। हालांकि, नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन जाने वाले यात्रियों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होगा और मेट्रो सेवा सामान्य रूप से चलती रहेगी।
मेट्रो सेवा में विशेष इंतजाम
गणतंत्र दिवस के दिन मेट्रो सेवा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मेट्रो सुबह 3 बजे से शुरू हो जाएगी और सुबह 6 बजे से ट्रेनों का संचालन 30 मिनट के अंतराल पर होगा। यह व्यवस्था खासतौर पर उन लोगों के लिए की गई है जो परेड में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचना चाहते हैं, ताकि उन्हें किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
विशेष अतिथियों का आगमन
गणतंत्र दिवस परेड में करीब 10,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। ये सभी लोग विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किए गए हैं और उन्हें ‘स्वर्णिम भारत’ के निर्माण में उनके योगदान के लिए आमंत्रित किया गया है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।
31 झांकियों और ‘स्वर्णिम भारत’ का संदेश
इस बार की परेड में ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ थीम पर कुल 31 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। खास बात यह है कि इस साल त्रि-सेवाओं (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) की संयुक्त झांकी दिखाई जाएगी। इसके अलावा, कर्तव्य पथ पर 5,000 कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन किया जाएगा, जो भारत की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति का आगमन
गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो इस बार दिल्ली में मौजूद रहेंगे। वह भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले चौथे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति होंगे। उनके साथ 352 सदस्यीय इंडोनेशियाई मार्चिंग और बैंड दस्ता भी परेड में हिस्सा लेगा। यह पहला मौका होगा जब इंडोनेशियाई बैंड विदेश में राष्ट्रीय दिवस परेड में भाग लेगा।
भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
इस साल गणतंत्र दिवस पर भारत अपनी सैन्य शक्ति का भी प्रदर्शन करेगा। इस परेड में खासतौर पर ‘प्रलय मिसाइल’ का प्रदर्शन किया जाएगा, जो 350-500 किलोमीटर तक मार कर सकती है और 500-1000 किलो तक का पेलोड ले जा सकती है। इसे चीन की ‘डोंग फेंग 12’ और रूस की ‘इस्कैंडर’ मिसाइलों के बराबर माना जा रहा है। यह मिसाइल भारत की सीमा सुरक्षा के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई है।
इसके अलावा, ‘नाग मिसाइल’ का भी प्रदर्शन होगा। इस परेड में ब्रह्मोस और पिनाका मिसाइल सिस्टम का भी प्रदर्शन किया जाएगा। भारतीय सेना के टी-90 भीष्म टैंक भी परेड में अपनी ताकत दिखाएंगे।
भारतीय नौसेना का शक्ति प्रदर्शन
भारतीय नौसेना भी इस बार अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगी। इस बार भारतीय नौसेना की झांकी में पनडुब्बियों और वॉरशिप का प्रदर्शन होगा। इसके साथ ही, हाल ही में भारतीय नौसेना में शामिल किए गए INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वागशीर को भी परेड में दिखाया जाएगा।
समारोह का महत्व
इस साल का गणतंत्र दिवस समारोह कई मायनों में खास होगा। यह न केवल भारत की सैन्य और सांस्कृतिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि देश अपने विकास के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। साथ ही, यह भारत के लोकतंत्र की मजबूती और विविधता की प्रतीक के रूप में एक सशक्त संदेश देता है।