कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए मुसीबतें बढ़ गई हैं। उनके द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में की गई एक टिप्पणी के कारण बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में उनके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा कांग्रेस नेता की उस टिप्पणी को लेकर हुआ है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू को ‘Poor Lady’ कहा था। अब इस मामले की सुनवाई 10 फरवरी को होगी।
क्या था पूरा मामला?
बीते दिन सोनिया गांधी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में कहा था, “Poor lady was tired at the end.” उनका यह बयान विवादों में घिर गया और बीजेपी ने इसका विरोध करते हुए कड़ी निंदा की। इसके बाद, एक वकील सुधीर ओझा ने मुजफ्फरपुर की कोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को सह-आरोपी बताते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
सोनिया गांधी पर आरोप:
याचिकाकर्ता सुधीर ओझा का कहना है कि सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान करने का प्रयास किया। उनका आरोप है कि सोनिया ने द्रौपदी मुर्मू, जो कि एक आदिवासी महिला हैं, के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की। ओझा ने यह भी कहा कि यह टिप्पणी विशेष रूप से महिला और आदिवासी समुदाय के खिलाफ अपमानजनक थी। उन्होंने यह भी कहा कि यह बयान देश के आदिवासी समाज को ठेस पहुंचाने वाला है।
कांग्रेस नेताओं को आरोपित किया गया:
याचिकाकर्ता ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को भी इस मामले में सह-आरोपी बनाया है। उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को भी इसमें शामिल करते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में अपनी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों की ओर से लगातार प्रतिक्रिया आ रही है।
बीजेपी का कड़ा विरोध:
सोनिया गांधी की इस टिप्पणी पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के नेताओं ने सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा की गई टिप्पणी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कांग्रस पार्टी और उसके शाही परिवार का घमंड साफ दिखाता है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हिंदी में एक बेहतरीन भाषण दिया, जबकि कांग्रेस नेताओं ने उनकी उपेक्षा की।
राष्ट्रपति भवन का बयान:
राष्ट्रपति भवन ने भी सोनिया गांधी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक बताया। राष्ट्रपति की तरफ से किसी प्रकार की खुली प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन यह साफ है कि इस बयान ने राजनीतिक हलकों में तीव्र विवाद उत्पन्न कर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी का आरोप:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के नेता, विशेष रूप से सोनिया गांधी, आदिवासी समुदाय का अपमान करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के शाही परिवार के अहंकार को दर्शाता है। मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू का भाषण देश के लिए प्रेरणादायक था, और कांग्रस ने इसे स्वीकार करने के बजाय उनका मजाक उड़ाया।
सोनिया गांधी के बयान के बाद की प्रतिक्रिया:
सोनिया गांधी की टिप्पणी के बाद देशभर में राजनीतिक बवाल मच गया है। बीजेपी ने न सिर्फ सोनिया गांधी की टिप्पणी की निंदा की, बल्कि इसे आदिवासी समाज के लिए अपमानजनक भी बताया। वहीं, कांग्रेस ने इस पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह सिर्फ एक बयान था और इसे ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए।
क्या होगा अब?
मुजफ्फरपुर में दायर किए गए मुकदमे के बाद अब इस मामले की सुनवाई 10 फरवरी को होगी। कोर्ट इस मामले में निर्णय लेने के बाद ही आगे की कार्रवाई करेगा। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आगे बढ़ सकता है और इससे कांग्रेस और बीजेपी के बीच और अधिक तकरार हो सकती है।