संसद में चल रहे बजट सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बेहद तगड़ा बयान दिया। उन्होंने महाकुंभ हादसे को लेकर केंद्र और यूपी सरकार को घेरते हुए कहा कि अगर सरकार उनकी बातों को गलत साबित कर देती है, तो वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। इस दौरान उन्होंने कुंभ मेले के दौरान मारे गए श्रद्धालुओं के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की और सरकार से सवाल किया कि सरकार ने आंकड़े क्यों छिपाए और दबाए?
महाकुंभ हादसा: आंकड़े और सच्चाई का छुपना
अखिलेश यादव ने संसद में कहा कि महाकुंभ एक ऐतिहासिक आयोजन है और सदियों से इस आयोजन को लेकर सरकारें प्रचार करती आई हैं। इस साल भी यूपी सरकार ने 100 करोड़ लोगों के लिए तैयारी की बात की थी, लेकिन जब हादसा हुआ और श्रद्धालु मारे गए, तो सरकार ने आंकड़ों को छिपाया। उन्होंने कहा, “अगर 100 करोड़ लोगों के इंतजाम का दावा झूठा है, तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं।”
अखिलेश ने कहा कि जब हादसा हुआ, तो सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी सरकार को महाकुंभ हादसे के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
महाकुंभ पर सवाल उठाते हुए इस्तीफा देने की धमकी
कुंभ पर अपने बयान में अखिलेश यादव ने कहा, “अगर सरकार ने 100 करोड़ की व्यवस्था का दावा किया था और वह झूठा साबित हुआ तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब मृतकों के आंकड़े सामने आए, तब सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
महाकुंभ हादसे के बाद सरकार की चुप्पी
अखिलेश यादव ने महाकुंभ में मारे गए श्रद्धालुओं के शवों का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार ने शुरुआत में इस पर कोई शोक नहीं जताया। उन्होंने कहा, “जब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने शोक व्यक्त किया, तब 17 घंटे बाद यूपी सरकार ने शोक व्यक्त किया।” उनका कहना था कि सरकार ने केवल प्रचार किया और घटनाओं से मुंह मोड़ा।
कुंभ हादसे के बाद अखिलेश की मांगें
अखिलेश यादव ने कई मांगे की हैं, जिनमें शामिल हैं:
- महाकुंभ हादसे में मारे गए और घायल हुए लोगों के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं।
- महाकुंभ हादसे के जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
- सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए।
- महाकुंभ आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी सेना को दी जाए।
अखिलेश ने यह भी कहा कि सरकार को मृतकों के आंकड़े देने के साथ ही उन लोगों के इलाज, भोजन, और पानी की उपलब्धता के आंकड़े भी सार्वजनिक करने चाहिए।
डबल इंजन सरकार की आलोचना
अखिलेश यादव ने यूपी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने निवेशकों के लिए एक बड़ा आयोजन किया था, जिसमें 40 लाख करोड़ के एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन किए गए थे। उन्होंने सवाल उठाया, “इन एमओयू का क्या हुआ? क्या ये सिर्फ कागजों तक सीमित रहे?” अखिलेश ने यह भी कहा कि डबल इंजन वाली सरकार अब आपस में टकराने लगी है, और यह टकराव अब सिर्फ इंजन तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि डिब्बे भी टकराने लगे हैं।
निवेश मीट का सच
अखिलेश यादव ने यूपी सरकार के निवेश मीट के बारे में भी सवाल उठाया, जिसमें कई बड़े निवेशकों को बुलाया गया था। अखिलेश ने यह सवाल किया कि इन एमओयू से यूपी की जनता को क्या फायदा हुआ? उन्होंने कहा कि सरकार ने 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश के वादे किए थे, लेकिन असल में जमीन पर कितना काम हुआ, यह सरकार को बताना चाहिए।