प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने की 10 तारीख को फ्रांस के लिए उड़ान भरेंगे। तीन दिनों के इस दौरे के दौरान भारतीय और फ्रांसीसी नेताओं के बीच कई अहम रक्षा और प्रौद्योगिकी समझौतों पर चर्चा होने वाली है। इन समझौतों में भारत के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की डील, तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर सहयोग जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं। इन सभी घोषणाओं को लेकर राजनीतिक हलकों में काफ़ी हलचल मची हुई है।
फ्रांस यात्रा पर मोदी के प्रमुख लक्ष्य
पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करने के बाद दोनों देशों के बीच अहम रक्षा समझौतों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग को और भी मजबूत करने के लिए कई नए कदम उठाए जाएंगे। रक्षा और सुरक्षा को लेकर भारत की जरूरतें और फ्रांस का अनुभव इस यात्रा में अहम भूमिका निभाएंगे।
राफेल-एम डील और पनडुब्बियों की खरीद
सबसे बड़ी खबर राफेल-एम लड़ाकू विमानों की डील से जुड़ी है। भारत की नौसेना के लिए कुल 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद पर घोषणा की जा सकती है। इन विमानों की कुल कीमत लगभग 10-11 अरब डॉलर हो सकती है। साथ ही, फ्रांस से तीन और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद भी अंतिम चरण में है। इन पनडुब्बियों को भारतीय नौसेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। यह सौदा भारत और फ्रांस के बीच पहले से मजबूत रक्षा संबंधों को और गहरा करेगा।
AI पर भारत और फ्रांस के बीच होगा अहम सहयोग
इसके अलावा, पीएम मोदी की फ्रांस यात्रा में एक और अहम पहलू है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर दोनों देशों के बीच सहयोग। भारत और फ्रांस इस क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। एआई के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के साझा प्रयासों से दोनों देशों की तकनीकी स्थिति को और मजबूती मिलेगी। एआई पर आधारित योजनाओं और परियोजनाओं को लेकर इस समिट में चर्चा की जाएगी, जिसका उद्देश्य दोनों देशों को वैश्विक स्तर पर तकनीकी प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाना है।
‘मेक इन इंडिया’ और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की दिशा में अहम कदम
यह यात्रा ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा देने वाली है। फ्रांस ने पहले ही भारत में कई रक्षा प्रौद्योगिकियों का उत्पादन करने का वादा किया है और इस यात्रा के दौरान इस दिशा में कुछ और महत्वपूर्ण समझौते हो सकते हैं। इसके अलावा, फ्रांस के प्रमुख रक्षा कंपनियों, जैसे सफरान और डसॉल्ट, के साथ मिलकर भारत में रक्षा उपकरणों और विमान इंजन के निर्माण की प्रक्रिया को और बढ़ावा देने की योजना है।
इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर पर भी होगी चर्चा
इस यात्रा के दौरान, एक और अहम विषय होगा ‘इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर’। यह परियोजना भारत, मध्य-पूर्व और यूरोप के बीच व्यापार और परिवहन को सुगम बनाएगी। दोनों देशों के नेताओं के बीच इस कॉरिडोर को लेकर बातचीत होने की संभावना है। फ्रांस इस परियोजना में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार है। यह परियोजना भारत और फ्रांस के आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करेगी।
फ्रांस में भारतीय रक्षा सहयोग का विस्तार
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा फ्रांस और भारत के रक्षा संबंधों में नई ऊंचाइयों को छूने वाली होगी। सफरान कंपनी, जो राफेल विमानों के इंजन का निर्माण करती है, भारत में एयरो इंडिया जैसे बड़े आयोजनों में भाग ले चुकी है। इस कंपनी ने भारत में MRO (Maintenance, Repair, and Overhaul) सुविधाएं स्थापित की हैं, जिससे भारतीय रक्षा क्षेत्र को और बढ़ावा मिलेगा।