नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इंडिया एनर्जी वीक के मौके पर यशोभूमि में जुटे वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत की ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी महत्वाकांक्षाओं और योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के पास पूरी दुनिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की क्षमता है। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि भारत 21वीं सदी में दुनिया के विकास का एक अहम इंजन बनने जा रहा है, और इसमें देश का ऊर्जा क्षेत्र एक मजबूत स्तंभ बनेगा।
भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इंडिया एनर्जी वीक सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “आप सभी भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। दुनिया के हर एक्सपर्ट का कहना है कि 21वीं सदी भारत की सदी होगी, और भारत दुनिया की ग्रोथ को भी ड्राइव कर रहा है। इस प्रक्रिया में ऊर्जा क्षेत्र की बहुत बड़ी भूमिका है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाएं पांच प्रमुख स्तंभों पर खड़ी हैं। इनमें संसाधनों का सही इस्तेमाल, लोगों को नवाचार की दिशा में प्रेरित करना, आर्थिक मजबूती और राजनीतिक स्थिरता, भारत की भौगोलिक स्थिति और ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी के प्रति प्रतिबद्धता शामिल हैं।
भारत के ऊर्जा क्षेत्र में हो रही बड़ी प्रगति
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत के ऊर्जा क्षेत्र में हो रही प्रगति का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश बन चुका है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपनी बायोफ्यूल इंडस्ट्री को तेजी से बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। भारत के पास 500 मिलियन मैट्रिक टन का सस्टेनेबल फीडस्टॉक है, जो ऊर्जा क्षेत्र में नई संभावनाओं का द्वार खोलेगा।
इसके साथ ही, पीएम मोदी ने बताया कि जी20 के दौरान ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस का गठन हुआ था, जो अब 28 देशों और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठनों से जुड़ चुका है। इस अलायंस का उद्देश्य वेस्ट को वेल्थ में बदलना और नई ऊर्जा तकनीकों के विकास को बढ़ावा देना है।
किसानों को ऊर्जादाता बनाने की दिशा में पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत के किसान अब सिर्फ खाद्यान्न के उत्पादक नहीं, बल्कि ऊर्जादाता भी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पिछले साल पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य देश के सामान्य परिवारों और किसानों को सौर ऊर्जा उत्पादन से जोड़ना था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना सिर्फ ऊर्जा उत्पादन तक ही सीमित नहीं है। इससे सोलर सेक्टर में नए कौशल विकसित हो रहे हैं, एक नया सेवा इकोसिस्टम तैयार हो रहा है और निवेश के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
2030 तक ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने का विश्वास
पीएम मोदी ने आगामी वर्षों में भारत के ऊर्जा लक्ष्य को लेकर विश्वास जताया। उन्होंने कहा कि अगले दो दशकों में भारत के लिए ऊर्जा क्षेत्र में कई अहम मील के पत्थर पार करने का समय होगा। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत के कई ऊर्जा लक्ष्य 2030 की समय सीमा के अनुरूप हैं। भारत ने पिछले दस सालों में जो हासिल किया है, उससे यह भरोसा बन चुका है कि ये लक्ष्य निश्चित रूप से पूरे होंगे।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले दस सालों में भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बढ़कर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और यह देश की समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव के संकेत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान यह भी कहा कि भारत का ऊर्जा क्षेत्र नए बदलावों और नीतियों के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में भारत के ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक स्थिरता, नवीनता और हरित ऊर्जा का विकास होगा।
भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम जैसे सोलर पावर उत्पादन, बायोफ्यूल की बढ़ती खपत और सस्टेनेबल एनर्जी परियोजनाएं, भारतीय अर्थव्यवस्था को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।