बजट सत्र के आठवें दिन समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद अखिलेश यादव ने लोकसभा में कई मुद्दों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पिछले बार मोदी जी अमेरिका हीरा लेकर गए थे, इस बार सोने की जंजीर लेकर जाना चाहिए। अखिलेश का यह बयान संसद में चर्चा का विषय बन गया।
अखिलेश यादव का पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर कटाक्ष
अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस बार वह ‘सोने की जंजीर’ जरूर ले जाएं। उनका यह बयान सीधे तौर पर उस वक्त की स्थिति से जुड़ा हुआ था जब अमेरिका से अवैध रूप से डिपोर्ट किए गए भारतीय प्रवासियों का मुद्दा गरमाया हुआ था। अखिलेश ने कहा, “पिछली बार आपने हीरा लिया था, इस बार सोने की जंजीर लेकर जाइएगा।”
सपा अध्यक्ष ने कहा कि इस बजट सत्र के दौरान हमें वो तस्वीरें देखने को मिलीं, जिनमें दिख रहा था कि भारत से अवैध रूप से गए कुछ लोग अमेरिका में हथकड़ी और बेड़ियों में बंधे हुए वापस लौटाए गए। अखिलेश का कहना था कि इस तरह की घटनाओं से देश की छवि को नुकसान पहुंचा है और इससे कुछ अच्छे उदाहरण नहीं बनते हैं।
बजट पर अखिलेश का कटाक्ष
अखिलेश यादव ने बजट सत्र में सरकार के बजट का विरोध करते हुए कहा कि यह बजट केवल कुछ विशेष वर्गों के लिए है। उन्होंने कहा, “यह बजट टारगेटेड है, और इसका फोकस उन लोगों पर है जो पहले से ही सक्षम हैं, उद्योगपतियों पर है।” अखिलेश ने दावा किया कि यह बजट गरीब और आम लोगों के लिए कोई विशेष काम नहीं कर रहा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यह बजट भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नहीं है, क्योंकि इसमें कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं दिखता है।
अखिलेश ने इस बजट को “चार इंजन वाला बजट” बताते हुए कहा कि लगता है कि यूपी में डबल इंजन सरकार के सारे इंजन लगातार फेल हो रहे हैं। यह कटाक्ष यूपी सरकार पर था, जहां सपा का आरोप है कि राज्य में सरकार सही से काम नहीं कर रही है और विकास का कोई रोडमैप नहीं दिखाई दे रहा है।
महाकुंभ पर अखिलेश का तंज
अखिलेश यादव ने महाकुंभ को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में भारी भीड़ की वजह से जाम की स्थिति बन गई थी और प्रशासन इस स्थिति को संभालने में नाकाम रहा। उन्होंने कहा, “दो राज्य के मुख्यमंत्री इस भीड़ को रोकने में लगे हुए थे, जबकि महाकुंभ की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी थी।” अखिलेश का कहना था कि सरकार केवल विज्ञापन दिखा रही थी, जबकि श्रद्धालु घंटों जाम में फंसे हुए थे, और भूख-प्यास से परेशान हो रहे थे।
उन्होंने कहा, “कितनी जानें गईं? कितने लोग खो गए? ये सवाल भी उठने चाहिए। महाकुंभ के दौरान जो समस्याएं आईं, उन्हें सरकार को ठीक से संभालने की जरूरत थी, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।”
डिंपल यादव ने भी महाकुंभ पर किया हमला
इस मुद्दे पर सपा की सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी, डिंपल यादव ने भी यूपी सरकार पर हमला बोला। डिंपल ने कहा, “सरकार ने महाकुंभ के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन वहां जो लोग परेशान हुए, उनके लिए कोई जवाबदेही नहीं दिखाई दे रही है।” उन्होंने कहा कि 300 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम हो गया था और कई लोग फंसे हुए थे। यह एक बड़ी विफलता थी और सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।
चांद पर जाने का क्या फायदा जब जमीन पर समस्याएं हों?
अखिलेश यादव ने सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट और चांद पर जाने के प्रोजेक्ट पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “चांद पर जाने का क्या फायदा जब यहां जमीन पर समस्याएं सुलझी नहीं हैं?” अखिलेश का आरोप था कि सरकार ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं को नजरअंदाज किया और इसके बजाय डिजिटल इंडिया और अन्य कार्यक्रमों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया।
अखिलेश का कहना था कि सरकार को जमीन पर मौजूदा समस्याओं को पहले सुलझाना चाहिए था, बजाय इसके कि वह चांद और मंगल की बात कर रही हो।