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Saturday, March 22, 2025

बिहार चुनाव में नीतीश कुमार होंगे एनडीए का चेहरा, बीजेपी ने कर दिया साफ

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ी राजनीतिक खबर आई है। बीजेपी ने यह साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार ही एनडीए (National Democratic Alliance) के चेहरे होंगे और उनका नेतृत्व ही आगामी चुनाव में बीजेपी की तरफ से होगा। बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की सरकार पहले से ही चल रही है और अब बीजेपी ने भी इसकी पुष्टि कर दी है कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।

नीतीश कुमार का पाला बदलने का इतिहास

नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में कई बार अपनी पॉलिटिकल पार्टी और गठबंधन बदला है। बीजेपी के आला सूत्रों का मानना है कि चुनाव से पहले ही यह साफ कर दिया गया है कि नीतीश कुमार एनडीए के नेतृत्व में रहेंगे। नीतीश का पाला बदलने का इतिहास किसी से छिपा नहीं है। अब तक वह चार बार अपनी पार्टी और गठबंधन बदल चुके हैं।

नीतीश कुमार ने पहला पाला 2013 में बदला था, जब उन्होंने 17 साल पुराने भाजपा के साथ गठबंधन को तोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने 2015 में राजद (राजद) से गठबंधन किया और विधानसभा चुनाव में भाग लिया। हालांकि, 2017 में जब राजद के नेता तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, तो नीतीश कुमार ने फिर से भाजपा से हाथ मिलाया।

2019 और 2020 में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा। लेकिन, 2022 में उन्होंने फिर से भाजपा का साथ छोड़ते हुए राजद के साथ गठबंधन किया। इसके बाद जनवरी 2024 में नीतीश कुमार ने एक और पलटी मारी और फिर से भाजपा से हाथ मिलाया, जिससे राज्य में नई सरकार बनी।

नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा

बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले नीतीश कुमार ने अपनी “प्रगति यात्रा” शुरू की है। वह राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं और वहां शिलान्यास और उद्घाटन कर रहे हैं। इस यात्रा के जरिए वह विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। साथ ही वह जन प्रतिनिधियों से क्षेत्रीय समस्याओं पर भी चर्चा कर रहे हैं और अधिकारियों को इन समस्याओं के समाधान के निर्देश दे रहे हैं।

इस यात्रा का उद्देश्य जनता से सीधे संवाद करना और उनके मुद्दों को हल करना है। नीतीश कुमार के इस कदम को चुनाव से पहले उनका जनसंपर्क अभियान भी माना जा रहा है। इस यात्रा के माध्यम से नीतीश कुमार जनता के पास जाकर उनकी समस्याएं सुन रहे हैं और समाधान देने का भरोसा दिला रहे हैं।

बीजेपी की रणनीति

बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के चेहरे के रूप में नीतीश कुमार को लेकर अपनी रणनीति को स्पष्ट कर दिया है। चुनाव से पहले, बीजेपी ने किसी भी तरह का भ्रम नहीं छोड़ने की रणनीति अपनाई है, और यह साफ कर दिया कि नीतीश कुमार ही एनडीए के नेतृत्व में रहेंगे। ऐसे में बिहार चुनाव में बीजेपी और जदयू के गठबंधन की मजबूती की पूरी संभावना है।

बीजेपी ने बिहार में अपनी जीत के लिए पूरी तरह से नीतीश कुमार के नेतृत्व को मान्यता दी है, क्योंकि बिहार की राजनीतिक स्थिति और गठबंधनों के बारे में कोई भी अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए।

बिहार की राजनीति में अगले कदम

बिहार में राजनीतिक बदलाव के साथ-साथ चुनावी मौसम भी तेज हो गया है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीजेपी की रणनीति साफ तौर पर यह दर्शाती है कि पार्टी गठबंधन की रणनीति को लेकर किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। अब चुनावों से पहले नीतीश कुमार का नेतृत्व भी भाजपा के लिए बड़ी भूमिका निभाएगा।

नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा और उनकी लगातार सक्रियता से यह भी साफ हो रहा है कि वह बिहार की जनता से लगातार जुड़े रहने और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए गंभीर हैं। इससे न केवल उनकी लोकप्रियता बढ़ने की उम्मीद है, बल्कि उनके नेतृत्व में राज्य में बीजेपी और जदयू की ताकत को भी बढ़ावा मिलेगा।

क्या बिहार में बनेगा एनडीए का दबदबा?

नीतीश कुमार की इस यात्रा और भाजपा के साफ रुख से यह कहा जा सकता है कि बिहार में एनडीए का दबदबा कायम रहेगा। नीतीश कुमार की लोकप्रियता और उनका नेतृत्व फिलहाल बिहार के राजनीतिक माहौल में अहम है, और चुनाव में उनका चेहरा ही एनडीए को जीत दिलाने में सहायक हो सकता है।

यह साफ है कि नीतीश कुमार और भाजपा दोनों मिलकर बिहार में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से रणनीति पर काम कर रहे हैं। बीजेपी ने जो संकेत दिए हैं, उससे यह माना जा सकता है कि आने वाले चुनावों में एनडीए की सीटों में वृद्धि हो सकती है।

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