तिब्बती धार्मिक गुरु और 14वें दलाई लामा को अब Z कैटेगरी सिक्योरिटी मिल गई है। गृह मंत्रालय की खुफिया एजेंसियों की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है। उनके सुरक्षा में अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के करीब 30 कमांडो तैनात होंगे, जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
दलाई लामा को मिली Z कैटेगरी सिक्योरिटी
दलाई लामा की सुरक्षा में अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों की टीम शामिल होगी, जिसमें 30 कमांडो अलग-अलग शिफ्ट में उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे। यह सुरक्षा पूरे देशभर में लागू होगी। अब तक दलाई लामा की सुरक्षा का जिम्मा हिमाचल प्रदेश पुलिस के पास था, जबकि वह जब भी दिल्ली या किसी अन्य शहर में जाते थे, तो स्थानीय पुलिस उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराती थी। लेकिन अब यह ज़िम्मेदारी सीआरपीएफ के कमांडो पर आ गई है।
खुफिया रिपोर्ट पर आधारित फैसला
गृह मंत्रालय के अनुसार, दलाई लामा को Z कैटेगरी सिक्योरिटी देने का फैसला खुफिया एजेंसियों की ताजा समीक्षा पर आधारित है। सुरक्षा के लिहाज से यह कदम बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि उनके खिलाफ कुछ खतरे की जानकारी मिली थी, जिस वजह से सरकार ने यह कदम उठाया है।
बीजेपी नेता संबित पात्रा को भी मिली Z सिक्योरिटी
दलाई लामा के साथ-साथ मणिपुर में बीजेपी नेता संबित पात्रा को भी Z श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। वे पुरी लोकसभा सीट से सांसद हैं और मणिपुर में पार्टी के प्रभारी हैं। मणिपुर में उनके विरोधी हालिया घटनाओं के कारण उनके लिए खतरे की आशंका जताई जा रही थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें भी उच्चस्तरीय सुरक्षा प्रदान की है।
दलाई लामा का जीवन और महत्व
दलाई लामा का असली नाम ल्हामो दोंडुब है, और उनका जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत के एक छोटे से गांव तकत्सेर में हुआ था। वह वर्तमान में तिब्बत के 13वें दलाई लामा के अवतार माने जाते हैं, और उन्हें करुणा के बोधिसत्व के रूप में जाना जाता है। बौद्ध धर्म में बोधिसत्व वह लोग होते हैं जो दूसरों की सेवा के लिए पुनर्जन्म लेते हैं।
दलाई लामा का नाम 1578 में अल्तान खान ने तिब्बत के सोनम ग्यात्सो को दिया था। इसके बाद, उनके दो पूर्वजों को भी मरणोपरांत यह उपाधि दी गई, जिससे ग्यात्सो तीसरे दलाई लामा बने। फिलहाल तेनजिन ग्यात्सो को 14वें दलाई लामा के रूप में पहचाना जाता है।
सरकार का सुरक्षा फैसला
गृह मंत्रालय ने दलाई लामा की सुरक्षा को लेकर यह बड़ा कदम उठाया है, ताकि उनके जीवन को किसी भी तरह के खतरे से बचाया जा सके। सुरक्षा के कड़े इंतजाम से उनके समर्थक और बौद्ध धर्म के अनुयायी भी सुकून महसूस कर रहे होंगे, क्योंकि दलाई लामा की सुरक्षा हमेशा से एक चिंता का विषय रही है। अब उनके खिलाफ संभावित खतरे को देखते हुए यह कदम उठाना सरकार की जिम्मेदारी बन गई थी।