जम्मू कश्मीर में अगले महीने 3 मार्च से बजट सत्र का आगाज होने जा रहा है। इस सत्र से पहले जम्मू कश्मीर विधानसभा में एक नया राजनीतिक मुद्दा उठ खड़ा हुआ है, जो राज्य के विभिन्न दलों को एक साथ लाने में सफल हो रहा है। शराबबंदी का मुद्दा अब तक चर्चा में था, लेकिन अब यह मुद्दा विधानसभा में विधेयकों के रूप में सामने आया है। पीडीपी, एनसी, बीजेपी, और इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी सभी ने इस मुद्दे को लेकर कदम उठाया है और शराब पर प्रतिबंध की मांग की है। यह एक अनोखा वाकया है कि विपक्षी और सत्ताधारी दल सभी इस मुद्दे पर एक साथ खड़े हैं।
शराबबंदी पर पीडीपी की पहल
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने बताया कि उनकी पार्टी के विधायक मीर मोहम्मद फैयाज ने जम्मू कश्मीर विधानसभा में शराबबंदी के लिए एक विधेयक पेश किया है। इल्तिजा मुफ्ती ने इस पहल को लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट भी शेयर की। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “शराब का सेवन जम्मू कश्मीर में लोगों की जिंदगी तबाह कर रहा है और हमारे समाज के ताने-बाने के लिए यह एक गंभीर खतरा है।” इल्तिजा ने आगे बताया कि 2019 के बाद राज्य में शराब की दुकानों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिससे शराब का सेवन आसानी से बढ़ रहा है। यही कारण है कि यह मुद्दा और भी जटिल हो गया है। इल्तिजा ने मीर मोहम्मद फैयाज की पहल की तारीफ की और उन्हें बधाई दी।
AIP का भी समर्थन
पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज के इस विधेयक को पेश करने के बाद अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) ने भी इस कदम का समर्थन किया। इंजीनियर राशिद की पार्टी ने कहा है कि उनका विधायक शेख खुर्शीद अहमद भी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग को लेकर एक विधेयक पेश कर रहे हैं। पार्टी ने इसे समाज के लिए आवश्यक और महत्वपूर्ण कदम बताया है।
नेशनल कांफ्रेंस का भी रुख स्पष्ट
इस मुद्दे पर केवल पीडीपी और AIP ही नहीं, बल्कि नेशनल कांफ्रेंस (NC) भी खुलकर सामने आई है। लालचौक से विधायक अहसान परदेसी ने कहा है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर में शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक निजी विधेयक पेश किया है। परदेसी का कहना है कि यह कदम धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि शराब की अनियंत्रित बिक्री कश्मीर के धार्मिक और सांस्कृतिक लोकाचार का उल्लंघन करती है, और यह विधेयक कश्मीर की विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
बीजेपी का समर्थन
यह शराबबंदी का मुद्दा अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तक पहुंच चुका है। बीजेपी ने भी इस मुद्दे पर समर्थन जताया है। पार्टी ने कहा है कि शराबबंदी एक जरूरी कदम हो सकता है, जो राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिति को बेहतर बना सकता है। बीजेपी के नेताओं ने कहा कि पार्टी इस विधेयक का समर्थन करती है और इसे लागू करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
समाज पर शराब के प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता
शराब की लत के कारण समाज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को लेकर विभिन्न दलों के नेताओं ने चिंता जताई है। पीडीपी के विधायक मीर मोहम्मद फैयाज ने कहा कि शराबी का न सिर्फ उसकी मानसिक और शारीरिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि उनके परिवारों पर भी इसका गंभीर प्रभाव होता है। अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया तो यह समाज के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है।
शराबबंदी के पक्ष में गठबंधन
यह एक अनोखा राजनीतिक गठबंधन है जिसमें पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस, बीजेपी और AIP सभी शराबबंदी के पक्ष में खड़े हैं। राज्य में शराब की बढ़ती उपलब्धता को लेकर इस कदम को एक बहुत जरूरी फैसला माना जा रहा है। राजनीतिक दलों का कहना है कि यह कदम राज्य के समाज और संस्कृति को बचाने के लिए आवश्यक है, खासकर कश्मीर जैसी जगह जहां धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्य बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
समाज और संस्कृति की रक्षा के लिए कदम
कश्मीर में शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग केवल एक राजनीतिक मसला नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक रक्षा की पहल है। कश्मीर की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर को ध्यान में रखते हुए, यह कदम राज्य के समाज को शराब की नकारात्मकता से बचाने के लिए उठाया जा रहा है। कश्मीरी समाज का यह कहना है कि इस कदम से उनके पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित किया जा सकेगा और नशे के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सकेगा।