आरजेडी चीफ और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने महाकुंभ को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “फालतू का है कुंभ, इसका कोई मतलब नहीं है।” वहीं, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे पर उन्होंने कहा कि यह एक दुखद घटना है और रेलवे की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ है। लालू ने कहा कि रेल मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसा
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 16 के बीच सीढ़ियों पर हुई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। घायलों का इलाज दिल्ली के लेडी हार्डिंग और एलएनजेपी अस्पताल में चल रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस हादसे की हाई लेवल जांच के आदेश दिए हैं।
लालू यादव का बयान
लालू यादव ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया और कहा कि यह रेलवे का फेल्योर है। उन्होंने कहा, “रेलवे की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ है। रेल मंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।” लालू ने महाकुंभ को लेकर भी अपनी राय रखी और कहा कि “फालतू का है कुंभ, इसका कोई मतलब नहीं है।”
हादसे की वजह क्या थी?
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि घटना के समय प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस और प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर जम्मू जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस खड़ी थी। इस दौरान फुट ओवर ब्रिज से प्लेटफॉर्म नंबर 14-15 की ओर आने वाली सीढ़ियों पर एक यात्री के फिसलकर गिरने से उनके पीछे खड़े कई यात्री इसकी चपेट में आ गए और यह दुखद घटना घटी। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी ट्रेन रद्द नहीं की गई थी और ना ही किसी ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदला गया था।
मरने वालों में ज्यादातर बिहार और दिल्ली के लोग
इस भगदड़ में मरने वालों में ज्यादातर लोग बिहार और दिल्ली के रहने वाले हैं। बिहार के 9, दिल्ली के 8 और हरियाणा के 1 व्यक्ति की मौत हुई है। फिलहाल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर स्थिति कंट्रोल में है और सभी ट्रेनें अपने सामान्य समय पर चल रही हैं।
रेलवे की प्रतिक्रिया
रेलवे ने इस हादसे की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। रेलवे प्रशासन का कहना है कि वह इस घटना की पूरी तरह से जांच करेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएगा।
आगे क्या होगा?
इस हादसे ने रेलवे प्रशासन की भीड़ प्रबंधन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि रेलवे इस मामले में क्या कदम उठाता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय करता है।