काशी के घाटों पर बना अस्पताल, BHU के डॉक्टर कर रहे नागा साधुओं का इलाज, 125 से ज्यादा का हो चुका है ट्रीटमेंट!

प्रयागराज के महाकुंभ से काशी आए नागा साधुओं की सेहत का ख्याल रखने के लिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के डॉक्टरों ने एक अनोखी पहल शुरू की है। आईएमएस बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर वीएन मिश्रा और उनकी टीम ने काशी के घाटों पर ही ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) शुरू किया है, जहां नागा साधुओं और अन्य साधु-संतों का नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है।

क्यों जरूरी हुई यह पहल?
महाकुंभ में करीब एक महीने तक गंगा किनारे रहने के बाद बड़ी संख्या में नागा साधु काशी पहुंचे हैं। इनमें से कई साधुओं को सर्दी-जुकाम, फेफड़ों में इंफेक्शन और एलर्जी जैसी समस्याएं हो रही हैं। प्रोफेसर मिश्रा ने बताया कि संगम किनारे रहने के दौरान रेत के कण साधुओं के शरीर में चले गए हैं, जिससे उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो रही हैं।

घाटों पर चल रहा है ओपीडी
प्रोफेसर मिश्रा और उनकी टीम हर दिन शाम 5 बजे काशी के विभिन्न घाटों पर ओपीडी चला रहे हैं। शिवाला घाट, दांडी घाट, हनुमान घाट और शंकराचार्य घाट जैसे प्रमुख घाटों पर यह मेडिकल कैंप लगाया जा रहा है। अब तक 50 से ज्यादा साधुओं को इसका लाभ मिल चुका है। डॉक्टरों की टीम मौके पर ही ब्लड प्रेशर की जांच और अन्य जरूरी टेस्ट कर रही है। जरूरत पड़ने पर साधुओं को BHU में भी भर्ती किया जा रहा है।

125 से ज्यादा साधुओं का हो चुका है इलाज
प्रोफेसर वीएन मिश्रा ने बताया कि अब तक 125 से ज्यादा नागा साधुओं का इलाज किया जा चुका है। उन्होंने कहा, “हम साधुओं की जांच कर रहे हैं और उनकी रिपोर्ट के आधार पर दवाइयां दे रहे हैं। कई साधुओं को फेफड़ों में इंफेक्शन और एलर्जी की समस्या है, जिसका इलाज किया जा रहा है।”

क्या है घाटवॉक पहल?
घाटवॉक पहल के तहत BHU के डॉक्टरों की टीम काशी के घाटों पर जाकर साधुओं का इलाज कर रही है। यह पहल न सिर्फ नागा साधुओं के लिए, बल्कि अन्य साधु-संतों और आम लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है। डॉक्टरों की टीम ने अब तक कई गंभीर मामलों को भी सफलतापूर्वक संभाला है।

क्यों जरूरी है यह पहल?
महाकुंभ जैसे आयोजनों में लाखों लोग शामिल होते हैं, जिनमें साधु-संत और नागा साधु भी शामिल होते हैं। ऐसे में उनकी सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। प्रोफेसर मिश्रा की यह पहल न सिर्फ साधुओं के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles