दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल चुका है। बीजेपी की रेखा गुप्ता ने सीएम पद की शपथ ले ली है। 27 साल बाद बीजेपी ने दिल्ली में सत्ता की वापसी की है और रेखा गुप्ता को इसकी कमान सौंपी गई है। उनके साथ छह मंत्रियों ने भी शपथ ली है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि रेखा गुप्ता कैसे सरकार चलाएंगी। क्या वह शीला दीक्षित की तरह अहम विभागों की जिम्मेदारी खुद संभालेंगी या फिर अरविंद केजरीवाल की तरह बिना किसी मंत्रालय के काम करेंगी?
दिल्ली की सियासी विरासत: शीला से केजरीवाल तक
दिल्ली की राजनीति में मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने के दो अलग-अलग तरीके रहे हैं। एक तरफ शीला दीक्षित हैं, जिन्होंने 15 साल तक दिल्ली की सत्ता संभाली और इस दौरान वित्त, गृह, योजना जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी खुद संभाली। दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल हैं, जिन्होंने एक दशक से ज्यादा समय तक सीएम रहते हुए किसी भी विभाग की जिम्मेदारी नहीं ली। उन्होंने अपने मंत्रियों को ही विभाग सौंपे।
रेखा गुप्ता के सामने अब यह सवाल है कि वह किस तरह से सरकार चलाएंगी। क्या वह शीला दीक्षित की तरह अहम विभागों को अपने पास रखेंगी या फिर केजरीवाल की तरह मंत्रियों पर भरोसा करेंगी?
दिल्ली के मंत्रियों की लिस्ट और विभागों का बंटवारा
रेखा गुप्ता के साथ जिन छह मंत्रियों ने शपथ ली है, उनमें परवेश वर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा, आशीष सूद, पंकज सिंह, कपिल मिश्रा और रविंदर इंद्रराज सिंह शामिल हैं। अब इन मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया जाएगा। यह बंटवारा इस बात पर निर्भर करेगा कि रेखा गुप्ता किस तरह से सरकार चलाना चाहती हैं।
अगर वह शीला दीक्षित की तरह चलती हैं तो वित्त, गृह, योजना जैसे अहम विभागों को खुद संभाल सकती हैं। वहीं, अगर वह केजरीवाल की तरह चलती हैं तो इन विभागों की जिम्मेदारी अपने मंत्रियों को दे सकती हैं।
शीला दीक्षित का स्टाइल: विभागों की जिम्मेदारी खुद संभालना
शीला दीक्षित ने 1998 से 2013 तक दिल्ली की सत्ता संभाली। इस दौरान उन्होंने कई अहम विभागों की जिम्मेदारी खुद ली। उनके पास वित्त, गृह, योजना, पर्यावरण, पर्यटन जैसे विभाग थे। शीला दीक्षित ने इन विभागों को संभालकर दिल्ली के विकास में अहम भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल में दिल्ली में मेट्रो का विस्तार, सड़कों का निर्माण और शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू हुए।
अरविंद केजरीवाल का स्टाइल: मंत्रियों पर भरोसा
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता संभालते हुए एक अलग तरीका अपनाया। उन्होंने किसी भी विभाग की जिम्मेदारी खुद नहीं ली। उन्होंने अपने मंत्रियों को ही विभाग सौंपे। केजरीवाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे नेताओं को दी। केजरीवाल का मानना था कि विभागों की जिम्मेदारी मंत्रियों को देने से काम तेजी से होता है।
रेखा गुप्ता क्या करेंगी?
रेखा गुप्ता के सामने अब यह सवाल है कि वह किस तरह से सरकार चलाएंगी। बीजेपी के पिछले मुख्यमंत्रियों जैसे मदनलाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज ने भी अहम विभागों की जिम्मेदारी खुद संभाली थी। इसलिए यह माना जा रहा है कि रेखा गुप्ता भी शीला दीक्षित की तरह विभागों की जिम्मेदारी खुद ले सकती हैं।
हालांकि, रेखा गुप्ता के पास यह विकल्प भी है कि वह केजरीवाल की तरह मंत्रियों पर भरोसा करें। इससे उन्हें सरकार चलाने में आसानी होगी और वह बड़े फैसले लेने में सक्षम होंगी।
दिल्ली की राजनीति में नया अध्याय
दिल्ली की राजनीति में रेखा गुप्ता का सीएम बनना एक नए अध्याय की शुरुआत है। बीजेपी ने 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता हासिल की है और रेखा गुप्ता को इसकी कमान सौंपी गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रेखा गुप्ता किस तरह से सरकार चलाती हैं और दिल्ली के विकास के लिए क्या कदम उठाती हैं।