पटना: बिहार की सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए इसे “खटारा” करार दिया है। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि “बिहार में 15 साल पुरानी गाड़ी नहीं चल सकती क्योंकि वो प्रदूषण फैलाती है, तो फिर 20 साल पुरानी जोड़-तोड़ वाली सरकार क्यों चल रही है?”
उन्होंने कहा कि “नीतीश सरकार ने पिछले 20 सालों में हर गली, हर टोले और हर गांव में गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अपराध का ज़हर घोल दिया है। दो पीढ़ियों का जीवन इस सरकार ने बर्बाद कर दिया। अब इसे बदलना बहुत जरूरी है।”
बीजेपी ने किया पलटवार, तेजस्वी को बताया मानसिक रूप से असंतुलित
तेजस्वी के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि “तेजस्वी यादव अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। जनता सब देख रही है और सही समय पर जवाब देगी।”
प्रभाकर ने आगे कहा कि “बिहार को सिर्फ जुमलेबाजी से नहीं, बल्कि विकास से आगे बढ़ाया जा सकता है। तेजस्वी यादव पहले अपने 17 महीने के कार्यकाल का हिसाब दें कि उन्होंने क्या किया? सिर्फ बयानबाजी से कुछ नहीं होगा।”
आरक्षण पर तेजस्वी का बीजेपी पर वार
चुनाव नजदीक आते ही आरक्षण का मुद्दा भी गर्माने लगा है। तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर आरक्षण चोर होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “बीजेपी आरक्षण को खत्म करने में लगी है। हमने अपने कार्यकाल में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए 65% आरक्षण बढ़ाया था, लेकिन बीजेपी ने इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में नहीं डाला और केस में फंसा दिया।”
तेजस्वी ने दावा किया कि “आरक्षण लागू न होने से हजारों युवाओं का भविष्य अंधकार में चला गया। अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के 50,000 से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।”
युवाओं को साधने की कोशिश
तेजस्वी यादव ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि “बिहार के युवाओं ने ठान लिया है कि अब इस 20 साल पुरानी खटारा, बीमार और जर्जर सरकार को हटाना है। हमें नई सोच, नए विजन और नई दिशा वाली सरकार चाहिए, जो रोजगार और विकास के लिए समर्पित हो।”
उन्होंने कहा कि “अब बिहार को एक नई सरकार चाहिए जो सिर्फ जुमले न दे, बल्कि धरातल पर काम करे।”
क्या कहता है सियासी समीकरण?
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्ष आक्रामक हो गया है। तेजस्वी लगातार सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि बीजेपी और जेडीयू गठबंधन सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने में जुटे हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि “तेजस्वी यादव अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए लगातार आक्रामक तेवर अपना रहे हैं। वहीं, बीजेपी और जेडीयू इसे सिर्फ चुनावी स्टंट मान रहे हैं।”